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चीला, बड़ा, सोहारी, गुलगुला भजिया जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से महकेंगे गौठान

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गौठानों में गेड़ी दौड़, फुगड़ी ,भौंरा, रस्साकसी आदि की होंगी स्पर्धाएं

ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आजीविका के केन्द्र बने कबीरधाम जिले के गौठानो में हरेली तिहार आगामी 28 जुलाई को बड़े धूमधाम में मनाया जाएगा। राज्य शासन के मंशानुसार कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर जिले में छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि, संस्कृति, परंपरा और आस्था से जुडे़ इस हरेली त्यौहार के आयोजनों के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। हरेली त्यौहार के दिन जिले के गोठानों में 28 जुलाई को ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर ग्रामीणों के मध्य गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं  होंगी। इसके अलावा जिल के सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त स्कूल, तथा आश्रम शालाओं व  छात्रावासों में  स्थानीय जनप्रतिनिधि, शाला प्रबंधन समिति स्थानीय कला एवं संगीत मंडलियों की सहायता से संगीतमय गेड़ी नृत्य  तथा हरेली की महत्ता पर केन्द्रित प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि  हरेली-तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि संस्कृति, परंपरा और आस्था से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के तीज-त्यौहार, परंपरा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने की पहल के चलते हरेली सहित अन्य तिहार जैसे पोला-तीजा, छेर-छेरा पुन्नी आदि का आयोजन बीते तीन सालों से बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ की  समृद्ध कला-संस्कृति, तीज-त्यौहार एवं परंपराओं पर गर्व की अनुभूति कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी इसी उद्देश्य की पूर्ति का एक हिस्सा, ताकि लोग छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों के अवसर पर अपनी बढ़-चढ़कर भागीदार सुनिश्चित कर सकें।

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने जिला पंचायत सीईओ और शिक्षा विभाग, कृषि विभाग,आदिमजाति विकास विभाग, पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि राज्य शासन के मंशानुसार हरेली त्यौहार का आयोजन की तैयारियों सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि हरेली के दिन गौठानों में पारंपरिक कार्यक्रम के साथ ही गौठान प्रबंधन समिति, स्व-सहायता समूह, ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से विशेष आयोजन कराए। कलेक्टर ने हरेली के दिन गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण के लिए विशेष कैम्प कराने के भी निर्देश दिए। गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से भेजने, खुले में चराई पर रोक लगाने तथा पशु रोका-छेका अभियान में सभी ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी। हरेली तिहार के दिन किसानों को भी गौठानों में विशेष रूप आमंत्रित कर खेती-किसानी के संबंध में उन्हें समसमायिक सलाह देने के साथ ही उन्हें वर्मी कम्पोस्ट का खेती में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। गौठानों के प्रबंधन,   क्रय किए गए गोबर, उत्पादित वर्मी कंपोस्ट के रखरखाव सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की जाएगी तथा गौठानों में गोबर, वर्मी कम्पोस्ट आदि के सुरक्षित रख-रखाव के लिए  छायादार चबूतरा, तिरपाल आदि के प्रबंध की पहल की जाएगी। हरेली तिहार के मौके पर जनप्रतिनिधियों, गौठान प्रंबंधन समिति के सदस्यों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों द्वारा फलदार, छायादार पौधों विशेषकर कदम का रोपण किए जाए।

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