एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के हिसाब से भारत के किसी भी एयरपोर्ट पर प्राइवेट वाहन में पिकअप और ड्रॉप का कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है। साथ ही 4 या 5 मिनट में पिकअप और ड्रापिंग का भी कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि राजधानी के विवेकानंद एयरपोर्ट में यह वसूली वर्षों से चल रही है।
बीते 22 वर्षों की ही बात करें तो एयरपोर्ट के चार-चार डायरेक्टर बदल गए लेकिन किसी ने भी इस वसूली बंद नहीं कराई। उल्टे पार्किंग के ठेके देकर साल दर साल वसूली बढ़ती रही है। एयरपोर्ट प्रबंधन की इसी ढिलाई के चलते ठेका फर्म के कर्मियों के द्वारा यात्रियों और टैक्सी ड्राइवरों से विवाद, मारपीट तक भी की जाती रही है। सोशल एक्टिविस्ट नितिन संघवी ने इस पर जागरूकता दिखाते हुए आरटीआई के तहत एयरपोर्ट प्रबंधन से जानकारी मांगी।
इसके जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार अब ऐसी वसूली नहीं हो सकेगा, क्योंकि एयरपोर्ट प्रबंधन ने ही ऐसे किसी प्रावधान या निर्देश होने से इंकार किया है।
जानकारी के अनुसार, रायपुर एयरपोर्ट से 4 मिनट में बाहर नहीं निकलने पर 50-60 रुपए फाइन लेने की शिकायत मिल रही थी। जिसकी जानकारी सूचना के अधिकार से मिली है। ऐसे में यात्रा करने वाले यात्री अब निजी वाहनों से आने वाले पैसेंजर को पैसे देने की जरूरत नहीं है।