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जब फोन फ्लाइट मोड में रखने का है नियम तो क्रैश हुए प्लेन से कैसे हुआ फेसबुक लाइव?

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नेपाल में प्लेन हादसे में 72 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया है. एक वीडियो सामने आया है जिसे इस हादसे का बताया जा रहा है. वायरल वीडिया में मृतक फेसबुक पर फ्लाइट की लैंडिंग को लाइव कर रहा था और प्लेन क्रैश हो गया. इस वीडियो के सामने आने के बाद कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है क्या फ्लाइट यात्रा के दौरान सिग्नल आता है या फोन को फ्लाइट मोड में रखना जरूरी होता है? यहां पर बारी-बारी से सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं. इससे आपकी सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी. कई लोग पूछ रहे हैं क्या फ्लाइट में सिग्नल आता है? अगर नहीं तो मृतक इस का वीडियो फेसबुक पर लाइव कैसे कर रहा था?

फ्लाइट में चल सकता है इंटरनेट?

कई फ्लाइट में इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जाती है. Inflight Wi-Fi का इस्तेमाल इंटरनेट ब्राउजिंग, सोशल मीडिया को चेक करने, ऑनलाइन वीडियो देखने जैसे काम करने के लिए किया जा सकता है. हालांकि, जिन फ्लाइट में इनफ्लाइट Wi-Fi नहीं दिया गया है उसमें भी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल टेकऑफ या लैंडिंग के समय करते हैं.

टेकऑफ या लैंडिंग के समय फ्लाइट ग्राउंड के काफी करीब होता है जिस वजह से आसानी से मोबाइल नेटवर्क मिलने लगता है. इसका इस्तेमाल कई लोग इंटरनेट चलाने या दूसरे कामों में करते हैं. अभी जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें भी लैंडिंग के समय ही वीडियो बनाया गया है. यानी मृतक को मोबाइल में सिग्नल मिलने लगा होगा जिस वजह से वो फेसबुक पर लाइव आकर अपने दोस्तों के साथ खुशियां जाहिर कर रहा था, लेकिन अगले पल क्या होना वाला है इसका अंदाजा शायद उसे भी नहीं था.

ये वीडियो मिला कहां से?

फेसबक के लाइव वीडियो को जब तक शेयर ना किया जाए तब तक वो प्रोफाइल पर शेयर नहीं होता है. इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि फोन के बरामद होने के बाद उससे वीडियो को रिकवर किया गया. जबकि कई लोग तर्क दे रहे हैं कि किसी ने लाइव की वीडियो रिकॉर्डिंग की थी.

हालांकि, लाइव की वीडियो रिकॉर्डिंग वाली तर्क ज्यादा सही नहीं लगती है क्योंकि ऐसा कम ही होता है आप किसी दोस्त के फेसबुक लाइव वीडियो को रिकॉर्ड करने लग जाएं. दूसरा प्वॉइंट अगर ये लाइव वीडियो की स्क्रीन रिकॉर्डिंग होती तो वीडियो में लाइव और उसके साथ देखने वाले की संख्या भी नजर आती है जो इस वीडियो में नहीं दिख रहा है. यानी वीडियो मृतक के फोन से रिकवर किया गया है.

प्लेन में फोन स्विच ऑफ या फ्लाइट मोड में ना रखना कितना खतरनाक?

प्लेन में आपने भी अनाउंसमेंट सुनी होगी कि फोन को सफर के दौरान स्विच ऑफ या फ्लाइट मोड में कर दें. हालांकि, कई लोग इस गाइडलाइन को नहीं मानते हैं. ऐसे में क्या प्लेन सफर के दौरान फोन का फ्लाइट मोड में ना होना किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है?

इसका सीधा जवाब है- नहीं. लेकिन, सेफ्टी परपस से इसका इस्तेमाल जरूरी है. फोन सिग्नल इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस कर सकती है जो सेफ्टी के लिए खतरा बन सकता है. ये रेडिया अल्टीमीटर में भी डिस्टरबेंस काउज कर सकता है.

5G सिग्नल से हो सकता है खतरा?

रेडिया अल्टीमीटर का ही इस्तेमाल कर पायलट फ्लाइट की हाइट के बारे में जानकारी हासिल करता है. हालांकि, एक-दो फोन के ऑन रहने से कोई खास असर नहीं पड़ता है. लेकिन, अगर सभी का फोन ऑन है तो पायलट को रेडियो अल्टीमीटर के सिग्नल में हल्की-फुल्की दिक्कत आ सकती है.

Reader’s Digest की एक खबर में पायलट Ryan के हवाले से बताया गया है कि अगर फ्लाइट में 5G फोन है और वो Flight Mode में नहीं है तो ये बड़ी दिक्कत पैदा कर सकती है. इससे हवाई जहाज के रेडियो अल्टीमीटर एंटीना को गलत सिग्नल भेजने की संभावना बन सकती है. यह संभवतः रनवे के ऊपर हवाई जहाज की ऊंचाई का गलत संकेत दे सकता है. इसका रिजल्ट काफी भयावह हो सकता है.

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