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पेंशनर्स महासंघ ने पेंशनरों के हित में मुख्यमंत्री से अनेक मुद्दों पर विधान सभा बजट में प्रावधान करने की मांग


भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ ने छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री तथा भारसाधक वित्त मंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया है कि पेंशनर हितैषी सुझाव पर गौर करे और छत्तीसगढ़ राज्य विधान सभा में आगामी 6 मार्च 23 प्रस्तुत होने वाले बजट में इसे शामिल कर राज्य के पेंशनरों के हित में निर्णय लेने की मांग की है। जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ की ओर से राष्ट्रीय महामंत्री वीरेन्द्र नामदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सुझाव और सलाह दिया है कि राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों हितों से सम्बन्धित अनेक मुद्दे वर्षो से अनसुलझे लम्बित है। जिसे विधान सभा में लाकर सुलझाया जा सकता है। उन्होंने मुख्यमन्त्री से निम्न बिंदुओं पर कार्यवाही का अनुरोध किया है।
••छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के बीच राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत आर्थिक भुगतान में बाधक धारा 49 को विलोपित किया जाए और आर्थिक भुगतान में दोनों राज्यों में परस्पर सहमति की बाध्यता समाप्त कर बकाया 5 प्रतिशत महंगाई राहत देने की घोषणा करे।
••30 जून एवं 31 दिसंबर माह में सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनर को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिपालन में एक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए।
••पेंशनर को प्रतिमाह ₹2000 मेडिकल भत्ता दिया जाए और कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए।
••केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित महंगाई राहत की राशि राज्य में पेंशनरों को केंद्र द्वारा घोषित तिथि एवं दर से देने हेतु राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में कानून बनाया जाए ताकि किसी भी पार्टी की सरकार हो वह बाध्यकारी हो।
•• छटवे वेतनमान का 32 माह और सातवें वेतनमान का 27 माह का बकाया एरियर तुरन्त भुगतान हो
••राज्य पेंशनरों को बस एवं रेल किराए में 50% की छूट दी जाए ।
पेंशनरों को भारत भ्रमण के लिए 3 वर्ष में एक बार आर्थिक सहायता दी जाए ।
••पेंशनर के मृत्यु होने के पश्चात उनके परिजनों को दाह संस्कार हेतु 10000 की आर्थिक मदद की जाए।
••सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नि: शर्त पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए।
••पेंशनरों को निकायों एवं निगम मंडल के योजनाओं में निर्मित भवन आवंटन में 5% का आरक्षण दिया जाए।
••पेंशनर्स के सेवानिवृत्त होने के पश्चात मिलने वाली पेंशन राशि में अधिक भुगतान की वसूली पर हाई कोर्ट के लगातार दिये जा रहे निर्देश के परिपालन में स्थाई रोक हेतु शासन से आदेश जारी की जाए।
••31/12/1988 के पूर्व नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्चात अवकाश नकदीकरण, अहर्तादायी सेवा मान्य करते हुए नियमित सेवानिवृत्ति कर्मचारी की भांति समस्त लाभ दी जाए।
••अन्य दूसरे राज्य की तरह छ ग राज्य में भी पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन की जाए।
••उत्तर प्रदेश की भांति 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन की पात्रता दी जाए
जारी विज्ञप्ति में पेंशनर्स महासंघ से जुड़े नेता क्रमशः वीरेन्द्र नामदेव,द्रोपदी यादव,जे पी मिश्रा,पूरनसिंह पटेल, अनिल गोल्हानी,बी के वर्मा,आर एन ताटी,दिनेश उपाध्याय, आर जी बोहरे,सी एम पांडेय,राकेश जैन,महेश पोद्दार,ओ पी भट्ट,बसंत गुप्ता,पिताम्बर पारकर, हेमंत टांकसाले,नागेश कापेवार,प्रवीण त्रिवेदी, डॉ पी आर धृतलहरे,एच एल नामदेव,के आर राजपूत,विनोद जैन, जे पी भारतीय,गायत्री गोस्वामी, सी एल चंद्रवँशी,रामचंद्र नामदेव,शरद अग्रवाल,डॉ एस पी वैश्य,बी डी उपाध्याय,बी एल यादव,नरसिंग राम,आर के नारद, प्रदीप सोनी,सुरेश शर्मा,एस के चिलमवार,लोचन पांडेय,सुरेश मिश्रा,एस के एस श्रीवास्तव,आलोक पांडेय,तीरथ यादव,रमेशचन्द्र नन्दे,जगदीश सिंह,उर्मिला शुक्ला,कुंती राणा, वन्दना दत्ता,परसराम यदु,अनूप योगी,ओ डी उपाध्याय,बी एल गजपाल,एन के भटनागर, डी के त्रिपाठी, मीता मुखर्जी, पुरषोत्तम दुबे, सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,हरेंद्र चंद्राकर, इलियास मोहम्मद शेख, व्ही टी सत्यम,टी पी सिंह,एम एन पाठक,अनिल चौबे,नागेंद्र सिंह तथा बी एस दसमेर आदि ने मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल पर भरोसा जताया है कि चुनावी वर्ष के अंतिम बजट में बुजुर्ग पेंशनरों वर्षो से लम्बित मांगों पर सकरात्मक निर्णय लेकर विधान सभा के माध्यम से मुद्दों पर बजट में प्रावधान कर राहत देने का काम करेंगे।

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