प्रयागराज। कोरोना की महामारी में बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगाने का सबसे बड़ा हथियार पल्स ऑक्सीमीटर है. इसके जरिये आक्सीजन की मात्रा की जानकारी लेकर कोरोना की गंभीरता का पता लगाया जाता है. हालांकि कुछ मुनाफाखोरों ने कोरोना की आपदा को भी अवसर में बदलते हुए बाजार में नकली पल्स ऑक्सीमीटर उतार दिए हैं. कोई बाजार में पूरी तरह नकली पल्स ऑक्सीमीटर बेच रहा है तो कोई मानकों की अनदेखी कर इतनी घटिया क्वालिटी का, जिसके जरिये सामने आने वाली रीडिंग का कोई मतलब नहीं होता. पल्स ऑक्सीमीटर उंगली को कुछ देर उपकरण में रखने के बाद खून और फेफड़े में आक्सीजन की मात्रा के बारे में बताता है, जबकि नकली व घटिया क्वालिटी वाला उपकरण उंगली की जगह पेन-कागज, टूथब्रश या दातून समेत उंगली जैसा कुछ भी रखने पर कोई एक रीडिंग शो कर देता है. यानि कोई रीडिंग देखकर आप अपनी सेहत को लेकर संतुष्ट तो हो सकते हैं, लेकिन यह फर्जी और गलत रीडिंग आपकी जिंदगी को खतरे में डाल सकता है. इस रिपोर्ट में जिंदगी को दांव पर लगाने वाले गोरखधंधे को देखकर आपके पैरों तले जमीन खिसक सकती है और आपको दांतो तले उंगलियां दबानी पड़ सकती हैं. प्रयागराज के सृजन हॉस्पिटल की कंसल्टेंट डॉ. मेहा अग्रवाल के मुताबिक आक्सीजन लेवल 88 फीसदी से कतई कम नहीं होना चाहिए. यह जितना नीचे जाता है, मरीज के लिए खतरा उतना ही बढ़ता जाता है. उनके मुताबिक 90 फीसदी से ज््यादा का आक्सीजन लेवल बेहतर माना जाता है. पल्स ऑक्सीमीटर में हाथ की किसी भी उंगली को रखा जाता है. उंगली के जरिये ही यह डिवाइस आक्सीजन की मात्रा बता देती है. नकली पल्स ऑक्सीमीटर हूबहू असली जैसा दिखता है. इसमें तीन से चार नम्बर्स की रीडिंग ऑटो फीड कर दी जाती है. नकली डिवाइस में आप उंगली रखें या फिर उंगली की तरह वाले पेन -फोल्ड पेपर, टूथ ब्रश- पेंसिल या दातून. यह फौरन पहले से फीड कोई रीडिंग बता देगा. इसमें जो तीन चार रीडिंग फीड की जाती है, वह ऐसी होती है, जो किसी सामान्य स्वस्थ व्यक्ति में होती है यानि 94-95 और 96 या सत्तानबे. मरीज इन रीडिंग को देखकर खुश होता रहता है और खुद को ठीक समझता है.प्रयागराज के दवा व्यापारी भी इस फर्जीवाड़े से परेशान हैं. उनका कहना है कि आम तौर पर दवा कारोबारी तो इससे परहेज करते हैं, लेकिन जनरल स्टोर या गांव-देहात के झोलाछापों के जरिये ये जानलेवा पल्स ऑक्सीमीटर धड़ल्ले से बिक रहे हैं. इससे जहां कारोबारियों को आर्थिक नुकसान होता है तो वहीं मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है.
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कोरोना मरीजों की जिंदगी से ऐसे हो रहा खिलवाड़, पढिय़े यह खास खबर…
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