Friday, July 11

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार का एक साल पूरा हो चुका है। सरकार के पहले वर्ष में कई अहम फैसले लिए गए, जिनका उद्देश्य राज्य के विकास और जनता के कल्याण को प्राथमिकता देना है। आइए जानते हैं सरकार के प्रमुख निर्णय और उनके प्रभाव:

  1. शराब में बिचौलिया सिस्टम खतम
    एफएल-10 समाप्त कर शराब खरीदी में बिचौलियों को बाहर किया। इससे पहले बड़ी कंपनियों की बजाए कंपनी बनाकर बिचौलियों के जरिये शराब खरीदी जाती थी। इसमें मल्टीनेशनल कंपनियों को इसलिए मौका नहीं दिया जाता था कि वे कमीशन नहीं देती। इससे राज्य के खजाने को कम-से-कम हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू बढ़ेगा। साथ ही शराब में माफियाओं की इंट्री बंद हो जाएगी।
  2. वन अधिकार पट्टा
    छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना, जहां आदिवासियों को वन अधिकार पट्टा देने के साथ ही उनका नामंतरण, बटांकन की व्यवस्था की गई है। यह योजना देश के लिए रोल मॉडल बनेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसके ड्राफ्ट को बुलवाया है, ताकि अन्य राज्यों में इसे लागू किया जा सके।
  3. विजन डॉक्यूमेंट
    गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य बन गया, जहां विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से अपना-अपना विजन डॉक्यूमेंट बनाने की इच्छा व्यक्त की थी। इसमें छत्तीसगढ़ सबसे आगे निकल गया। मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार जैसे बडे़ राज्य अभी इसकी तैयारी चल रही है।
  4. धान मीलिंग में बोल्ड फैसला
    धान मीलिंग में गड़बड़ी की वजह से मार्कफेड के पूर्व एमडी से लेकर कई अधिकारी, दलाल और राईस मिलर जेल में है। ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसको देखते सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मीलिंग चार्ज को 120 रुपए से घटाकर 60 रुपए कर दिया है। बता दें, ईडी ने कोर्ट को बताया था कि मीलिंग चार्ज का आधा हिस्सा सरकार में बैठे बड़े लोगों की जेब में घूमफिर कर चला जाता है। सरकार ने धान के माफियाओं को कंट्रोल करने के लिए प्रदेश की तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी ऋचा शर्मा को एसीएस फूड बनाया। उनके साथ एक एक्सट्रा आईएएस तैनात करते हुए अंबलगन पी को सचिव बनाया है।
  5. एनजीडीआरएस
    रजिस्ट्री सिस्टम में व्यापक सुधार। एनजीडीआरएस हुआ लागू। सुगम ऐप से संपत्ति के रजिस्ट्री में बढ़ी पारदर्शिता। सुगम ऐप से मोबाइल से अपने आप जमीन का अक्षांश और देशांश निकल जा रहा। इससे पंजीयन दलालों का रैकेट परेशान है। संपत्ति की चौहदी और उसके स्ट्रक्चर को लेकर दलालों द्वारा तगड़ी वसूली की जाती था। सरकार फेसलेस और घर बैठे रजिस्ट्री सुविधा प्रारंभ करने पर भी काम कर रही है।
  6. सुशासन विभाग
    विष्णुदेव साय सरकार ने नया सुशासन विभाग का गठन किया। इससे सारे विभागों की मानिटरिंग करने के लिए एक नया विभाग अस्तित्व में आ गया है। इसका मकसद यह है कि किस तरह से काम किया जाए, जिससे अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
  7. ई-ऑफिस
    विष्णुदेव सरकार ने मंत्रालय में ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर दिया है। धीरे-धीरे अब फाइलें कंप्यूटराइज्ड हो जाएंगी। कंप्यूटर से ही फाइले मूव होंगी। सीएम सचिवालय इसकी मानिटरिंग करेगा। ई-आफिस पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद अब फाइलें कहीं पेंडिंग नहीं रह पाएगी। सीएम सचिवालय के बोर्ड में शो होते रहेगा कि कौन सी फाइल कहां पर रुकी हुई है।
  8. प्रतियोगी परीक्षाओं की भर्ती
    प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शित के लिए विष्णुदेव सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। सरकार बनते ही सबसे पहले पीएससी स्कैम को सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की गई। इसमें पीएससी के पूर्व चेयरमैन समेत कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसके साथ ही पारदर्शिता के लिए सरकार ने पुलिस भर्ती का काम भी पीएससी को दे दिया है।
  9. एसीबी को फ्री हैंड
    भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विष्णुदेव सरकार ने एसीबी को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से बात कर दिल्ली से तेज-तर्रार आईपीएस अमरेश मिश्रा को डेपुटेशन से वापस बुलाया। अमरेश को ईओडब्लू और एसीबी चीफ बनाया गया। इसका असर दिखा भी। अमरेश ने अप्रैल में ज्वाईन किया। इसके बाद नौ महीने में 40 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी रिश्वत लेते हुए ट्रेप होकर सलाखों के पीछे जा चुके हैं। इनमें दो एसडीएम, दो ज्वाइंट डायरेक्टर, टीआई, एसआई से लेकर कई अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावे दो दर्जन से अधिक आय से अधिक संपत्ति मामले में एसीबी ने छापेमारी भी की है।
  10. बेसिक शिक्षा में ऐतिहासिक फैसले
    छत्तीसगढ़ में प्रायमरी एजुकेशन अभी तक उपेक्षित था। मगर विष्णुदेव सरकार ने सुधार के कदम उठाते हुए कई बड़े फैसले किए हैं। इनमें पांचवीं और आठवीं की परीक्षा भी शामिल है। शिक्षकों का भी मूल्यांकन किया जा रहा है। राइट टू एजुकेशन का लाभ दिलाने के लिए प्रायवेट स्कूलों की मानिटरिंग करने के लिए बकायदा एक समिति बना दी गई है। कलेक्टरों को स्कूलों का मुआयना करने कहा जा रहा है। पहली बार सरकारी स्कूलों में प्रायवेट की तरह टीचर-पैरेंट्स मीट आयोजित किए जा रहे हैं।
  11. उद्योग नीति में बड़ा बदलाव
    वैसे तो हर पांच साल में एक बार उद्योग नीति बनती है। मगर इस बार की उद्योग नीति कई मायनों में अलग है। इसमें सेक्टर तय कर दिया गया है कि किस जगह पर किस उद्योग को क्या सहूलियतें दी जाएगी। राज्य बनने के बाद पहली बार पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। इससे छत्तीसगढ़ के पर्यटन में तेजी से ग्रोथ होगा। प्रायवेट होटल और मोटल बनने में तेजी आएगी।
  12. नियद-नेल्लार
    टादिवासी इलाकों के गांवों के विकास के लिए सरकार ने नियद नेल्लार योजना शुरू की है। हल्बी में नियद नेल्लार को अच्छा गांव कहा जाता है। नक्सल प्रभावित इलाकों के गांवों के लिए सर्वांगीण विकास के लिए सरकार यह योजना लाई है। सरकारी मशीनरी टॉप प्रायरिटी से इस पर काम कर रही है।
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
Exit mobile version