Monday, December 8

आंध्र प्रदेश में मंदिरों के शहर तिरुपति में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में विशेष दर्शन का टोकन लेने के दौरान भगदड़ मच गई. इस हंगामे के वक्त 4 हजार से ज्यादा भक्त इसकी चपेट में आ गए. अब तक आई जानकारी के मुताबिक, भीड़भाड़ और “प्रशासन की चूक” के कारण मची भगदड़ में करीब 6 लोगों की मौत हो गई.
मंदिर में मची भगदड़ के पीछे की वजह भी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, छह घायलों में से एक मल्लिका नाम की महिला भक्त बैरागी पट्टीडा पार्क में टोकन काउंटर पर कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं. इसी वक्त वो अचानक बीमार पड़ गईं. उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए गेट खोले गए, इसके बाद भगदड़ मच गई.
बुधवार की रात, देश भर से हजारों भक्त 10 दिवसीय विशेष वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए आए, जो शुक्रवार से शुरू होने वाला है. घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, “टोकन बांटने के लिए 91 काउंटर खोले गए थे. ये गेट गुरुवार सुबह खोले जाने थे.”
उन्होंने बताया कि इस भगदड़ में छह भक्तों की मौत हो गई, 40 घायल हो गए, हम मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं. टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. मैं भक्तों से ईमानदारी से माफी मांगता हूं. हम जांच करके कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि इस भगदड़ में छह भक्तों की मौत हो गई, 40 घायल हो गए, हम मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं. टीटीडी के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. मैं भक्तों से ईमानदारी से माफी मांगता हूं. हम जांच करके कार्रवाई करेंगे.
हर साल जुटती है लाखों की भीड़
वैकुंठ एकादशी पर हर साल तिरुपति वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है. देश के देश के कोने-कोने से लोग इन विशेष दिनों में तिरुपति के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इस बार वैकुंठ द्वार दर्शन 10 जनवरी से 19 जनवरी तक होने हैं. इस विशेष दर्शन के लिए ही टोकन बांटे जाने की व्यवस्था की गई थी. टोकन 9 जनवरी की सुबह से बांटे जाने थे, लेकिन इसके लिए 8 जनवरी की रात से ही लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई और भीड़ बढ़ने पर भगदड़ मच गई.

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