Monday, August 4

सभी के घरों में एक कमरा या एक अलमारी ऐसी जरूर होती है जिसमें घर के पुराने रद्दी कागजों का भंडार पड़ा रहता है। पर कई बार इसमें आपकी कोई याद भरी चीजें या फिर कोई ऐसी सामने आ जाती है जो आपको बहुत अजीज है, पर कोई रद्दी कागज आपको करोड़पति बना दें यह बेहद कम देखने को मिलता है। लेकिन एक ऐसा ही वाकया एक इंसान के साथ हुआ और वह करोड़पति बन गया। दरअसल उसे अपने पिता की एक बैंक पासबुक मिली थी।

रद्दी कागज में मिला पासबुक

मामला चिली देश का है, यहां एक्सेक्विएल हिनोजोसा नाम के एक शख्स अपने घर में पड़े रद्दी कागजों को एक दिन छांट रहा था तभी उसकी नजर एक कागज पर पड़ी तो उसे उसने उठाया और पलटना शुरू किया तो जो उसे दिखा वह हैरान कर देने वाला था। दरअसल वह कोई कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि उसके पिता की पासबुक थी वह उसे देखकर भावुक हो गया। उसने बताया कि उसके पिता 10 साल पहले की गुजर चुके थे।

किसी को नहीं थी इसकी जानकारी

बैंक वालों ने हिनोजोसा को बताया कि उसके पिता ने 1960-70 के दशक में अपने बैंक में करीबन 1.4 लाख रुपये जमा किए ताकि वे एक घर खरीद सकें, लेकिन उसी दौरान उनकी मौत हो गई और परिवार के किसी भी सदस्य को इसकी जानकारी नहीं थी। फिर जब हिनोजोसा को घर की सफाई के दौरान 62 साल पुरानी पासबुक मिली। हालांकि पासबुक से जुड़ा बैंक काफी समय पहले बंद हो चुका था तो उसे लगा कि कोई फायदा नहीं होगा। लेकिन उसकी नजर पासबुक पर लिख एक शब्द स्टेट गारंटी पर पड़ी, जिसका मतलब है कि अगर बैंक डूबा या नुकसान में गया तो सरकार पैसे भरेगी। इसके बाद हिनोजोसा को उम्मीद जगी की सरकार से पैसे मिल सकते हैं।

सरकार से लड़ी लड़ाई फिर बना करोड़पति

इसके बाद उसने सरकार को इसकी जानकारी दी और अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन सरकार ने पहले मना कर दिया। इसके बाद हिनोजोसा ने कानून लड़ाई लड़ी, इसके बाद कोर्ट ने हिनोजोसा के पक्ष में अपना फैसला दिया और सरकार को यह आदेश दिया कि उसे ब्याज सहित पैसे लौटाएं। नतीजतन सरकार ने हिनोजोसा को 1.2 मिलियन डॉलर (जिसकी भारतीय रुपये में वैल्यू करीबन 10,27,79,580 है) दिए। इससे हिनोजोसा रातों-रात करोड़पति बन गया।

WhatsAppFacebookTelegramGmailShare
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
Exit mobile version