Monday, August 11

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के नियमन को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। यह निर्देश उन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिनमें इन ऐप्स को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के ए पॉल ने अदालत में पेश होकर तर्क दिया कि इन ऐप्स के कारण सैकड़ों युवा और किशोर सट्टेबाजी की लत में पड़ चुके हैं, जिससे कई मामलों में आत्महत्या तक की घटनाएं सामने आई हैं।

याचिका में दावा किया गया है कि तेलंगाना में ऐसे 1,023 से अधिक आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। पॉल ने यह भी आरोप लगाया कि लगभग 25 बॉलीवुड और टॉलीवुड हस्तियों के प्रचार के चलते युवा तेजी से इन सट्टेबाजी ऐप्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा, “सैद्धांतिक रूप से हम इस बात से सहमत हैं कि इसे रोका जाना चाहिए, लेकिन यह समाज की एक गहरी विकृति है। कानून बनाकर हर किसी को सट्टेबाजी से रोक पाना संभव नहीं है, जैसे कानून बनाकर हत्या को नहीं रोका जा सकता।”

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार से यह जरूर पूछा जाएगा कि वह इस दिशा में क्या कर रही है। पीठ ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से भी मामले में सहयोग देने की बात कही है।

सुनवाई के दौरान यह भी उजागर किया गया कि कई पूर्व क्रिकेटर और मशहूर हस्तियां इन ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स का प्रचार कर रहे हैं, जिससे इनका प्रभाव और भी बढ़ रहा है।

अब देखना होगा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश पर क्या रुख अपनाती है और क्या देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।

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