Friday, December 12

हमारा देश विभिन्न कृषि जिंसो, जिसकी आवश्यकता खाद्य उत्पाद के निर्माण में होती है उनका प्रमुख उत्पादक है। इस कच्चे माल की उपलब्धता फूड इंडस्ट्री को एक मजबूत आधार प्रदान करती है। सर्वेक्षण के द्वारा यह मालूम किया गया है कि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होने से एवं बदलते समय के अनुसार इस तेज तर्रार दुनिया में भोजन केवल एक बुनियादी आवश्यकता नहीं है अपितु यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है जो हमारी सेहत यहां तक कि पर्यावरण को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे जनसंख्या में वृद्धि हो रही है सुरक्षित, पोषक और सतत भोजन की मांग भी बढ़ रही है। फूड प्रोसेसिंग टेक्नालॉजी इस मांग को पूरा करने में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा यह भी सुनिश्चित करता है कि भोजन उपभोक्ताओं के समक्ष सर्वोत्तम स्थिति में पहुंचे चाहे वे कहीं भी हों। छत्तीसगढ़ प्रदेश में विभिन्न फसलों की, सब्जियों की, फलों की, लघु अनाज एवं वनोपज की प्रचुर मात्रा देखते हुए इस प्रदेश में भी फूड टेक्नालॉजी से संबंधित तकनीकों का उपयोग कर अनेक प्रकार के डब्बा बंद, प्रोसेस्ड प्रोडेक्ट्स, इन्सटेन्ट नूडल्स, फ्रोजन फूड, रेडी टू इट प्रोडक्ट, मसाले, जैम, जैली, फ्रोजन सब्जियां, फ्रोजन फल, फोर्टीफाइड अनाज, ड्राइड एवं रेडिएशन टेक्नालॉजी आधारित उत्पाद आदि तैयार किए जा सकते हैं। ऐसे विषय की महत्ता को समझते हुए हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में अनेक फूड संबंधित शैक्षणिक एवं अनुसंधान केन्द्र खोले गये हैं।

फूड टेक्नालॉजी विषय में छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी उपयुक्त मानव संसाधन विकसित हो इसलिए वर्ष 2020 में College of Food Technology, Raipur की स्थापना इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत की गई तथा यह छत्तीसगढ़ प्रदेश का एकमात्र शासकीय फूड टेक्नालॉजी कॉलेज है। इस कॉलेज में बीटेक (फूड टेक्नालॉजी) 4 वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित है तथा सिलेबस भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित है। कुल 36 सीटें प्रवेश हेतु उपलब्ध है। प्रवेश के लिए 12वीं गणित, भौतिक, रसायन एवं अंग्रेजी के साथ उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। इसके साथ-साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश की PET 2025 अथवा JEE Mains 2025 की प्रावीण्यता पर प्रवेश दिया जाता है। प्रदेश के आरक्षण नियमों के अनुरूप प्रवेश देने के पश्चात अगर स्थान रिक्त रहता है तो अन्य प्रदेशों के विद्यार्थी भी नियमानुसार प्रवेश पा सकते हैं।

इस कोर्स मे कुल 8 सेमेस्टर निर्धारित है एवं प्रेक्ट्रिकल तथा स्क्लि डेवलपमेंट विषयों को महत्ता दी गई हैं। थ्योरी एवं प्रैक्ट्रिकल कोर्स के लिए महत्ता के अनुरूप अलग-अलग घण्टे तय किए गए हैं। छठवीं डीन्स समिति की अनुशंसा एवं NEP 2020 के प्रावधानों को शामिल करने से विद्यार्थी कुल 182 क्रेडिट का अध्ययन करते हैं। जिसमें 8वें सेमेस्टर की 5 माह की इन्टर्नशीप तथा 1 से 4 सेमेस्टर में 6 स्किल डेवलपमेंट कोर्स का कार्य अनिवार्य है। इस फूड टेक्नालॉजी कोर्स में विद्यार्थी फूड इंजीनियरिंग, फूड प्रोसेसिंग टेक्नालॉजी, फूड केमेस्ट्री, फूड माइक्रोबायोलाजी, फूड क्वालिटी एसोयरेन्स, फूड प्लांट आपरेशन्स, फूड बिजनेस मैनेजमेंट विषय के साथ-साथ सामान्य मेकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का भी अध्ययन करते हैं। NEP 2020 के प्रावधानों के अनुरूप विद्यार्थी क्रमशः 2 एवं 4 सेमेस्टर के अध्ययन के पश्चात यदि सभी विषय उत्तीर्ण कर लेता है तथा 4 सप्ताह की इन्टर्नशीप करता है तो वह एक साल का सर्टिफिकेट एवं 2 साल का डिप्लोमा फूड टेक्नालाजी का प्राप्त कर विद्यार्थी किसी फूड इंडस्ट्री में रोजगार प्राप्त कर सकता है।

महाविद्यालय की स्थापना के पश्चात से विद्यार्थियों के फूड इंडस्ट्री से निरन्तर संबंध सुदृढ़ किए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थी इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार हो सकें। स्नातक स्तर की प्रायोगिक आवश्यकताओं एवं सुदृढ़ प्रशिक्षण की पूर्ति के लिए फूड इंजीनियरिंग लैब, फूड टेक लैब, फूड माइक्रो बायोलाजी लैब, पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग लैब, फूड क्वालिटी टेस्टिंग लैब, फूड पैकेजिंग लैब, बेकरी एवं कनफैक्शनरी लैब, मिलेट प्रोसेसिंग लैब, ग्रेन प्रोसेसिंग लैब, सोया प्रोसेसिंग लैब, एग्रो प्रोसेसिंग लैब, फ्रूट राइपनिंग लैब, बेसिक इंजीनियरिंग एवं वर्कशाप तथा कम्प्यूटर लैब महाविद्यालय में विकसित किए जा चुके हैं। महाविद्यालय के अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को देश की विभिन्न फूड इंडस्ट्री जैसे मदर डेयरी, वाडीलाल, गोयलडी, आकृति, इन्डस मेगा फूड पार्क, राक्वेट, एग्रोविजन, दूधधारा, ओसियानिक फूड्स, केप्स, वचन, एल्को, फ्रेस बेक्स, सुमूल, मनोरामा में अनुलग्न किया जाता है ताकि वे इंडस्ट्री की अलग-अलग यूनिट में रॉ मटेरियल, प्रोक्डशन, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, टेस्टिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग आदि का अनुभव प्राप्त कर तथा वास्तविक रूप में इंडस्ट्री रेडी मानव संसाधन बन सकें। इसी के साथ-साथ महाविद्यालय के पास स्वयं का कामन इक्यूबेशन सेंटर है जिसमें फ्रोजन फूड, स्पाइस प्रोसेसिंग, पास्ता एवं जेम जेली की प्रोसेसिंग सुविधा है। यह पी.एम.-एफ.एम.ई. भारत सरकार के सहयोग से स्थापित किया गया है ताकि विद्यार्थियों के स्किल डेवलपमेंट में लाभ हो सके एवं प्रदेश के कृषकों को आवश्यकता अनुरूप प्रशिक्षित किया जा सके।
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि महाविद्यालय के प्रयासों से प्रथम बैच 2024 के सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को फूड इंडस्ट्री से प्री-प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त हुआ। इसी प्रकार 2025 बैच के विद्यार्थियों की उपाधि जून, 2025 के अंत तक पूर्ण होगी। इसके पूर्व ही 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को भी प्री-प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त हो चुका है। विद्यार्थियों के लिए उच्च अध्ययन के भी अनेक अवसर देश/विदेश के नामी संस्थानों में उपलब्ध है जैसे निफ्टेम थंजावूर, निफ्टेम दिल्ली, सी एफ टी आर आई मैसूर, खड़गपुर, पंतनगर, आनंद, लुधियाना, बैंगलोर, अकोला, जूनागढ़, करनाल, हिसार, भुवनेशवर आदि विश्वविद्यालयों में है। इसी प्रकार इस रोजगार मूलक पाठ्यक्रम पूर्ण करने के पश्चात फूड टेक्नालाजिस्ट, फूड माइक्रोबायोलाजिस्ट, फूड सेफ्टी आफिसर, फूड क्वालिटी एनालिस्ट, फूड साइंटिस्ट, फूड न्यूट्रिनिस्ट, फूड सुपरवाइजर, प्रोडक्शन एक्जीविटिव, प्रोडक्शन इंचार्ज आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। सामान्यतः सभी फूड इंडस्ट्री में बिना फूड टेक्नालाजिस्ट के कार्य पूर्ण नहीं होता है अतः यह पाठ्यक्रम सही मायनों में रोजगार प्रदान करने वाला है। इस पाठ्यक्रम की फीस प्रति सेमेस्टर लगभग रू. 15500/- है एवं रायपुर स्थित फूड टेक्नालॉजी कॉलेज में प्रवेश की प्रक्रिया जून 2025 के अंतिम सप्ताह में प्रारंभ होगी। अधिक जानकारी हेतु वाट्सएप नंबर 9425525249 पर संपर्क कर सकते हैं।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Exit mobile version