हिमाचल: क्रैश हुए फाइटर प्लेन तेजस के पायलट नमांश स्याल रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित पटियालकर गांव में नम आंखों के साथ उन्हें आखिरी विदाई दी गई. इस दौरान शहीद पायलट नमांश के पिता, मां, पत्नी, बेटी सहित अन्य परिजन और रिश्तेदार फूट-फूट कर विलाप करते दिखे. शहीद के परिजनों के करूण विलाप से वहां मौजूद वायुसेना अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि और वायुसेना के अधिकारी भी गमगीन नजर आए. पिता का विलाप, मां का दर्द, मासूम बेटी की करुण पुकार और विंग कमांडर पत्नी अफशां की तकलीफ देख लोगों की आखें नम हो जा रही थी.

विंग कमांडर नमांश स्याल का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ आज उनके पैतृक गांव पटियालकर में किया गया. उनका पार्थिव शरीर दोपहर गग्गल हवाई अड्डे से उनके पैतृक गांव पटियालकड़ लाया गया. गग्गल हवाई अड्डे से पार्थिव देह रवाना होने के साथ ही रास्ते में अंतिम दर्शन के लिए लोग सड़क के किनारे खड़े रहे.
विशेष विमान से कांगड़ा पहुंचा पार्थिव शरीर
मालूम हो कि पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल का पार्थिव शरीर रविवार को विशेष विमान से हिमाचल में उनके पैतृक गांव पहुंचा. जहां घर में श्रद्धांजलि देने के बाद उनका सैन्य सम्मान के अंतिम संस्कार कर दिया गया. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को कुछ समय के लिए कोयंबटूर के निकट वायुसेना बेस में रखा गया था.
नमांश स्याल के निधन से उनके गांव में ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर है. शहीद नमांश स्याल को अंतिम विदाई देने के लिए उनके गांव में भारी संख्या में लोग एकत्र हुए थे. वहीं सभी लोगों ने नम आँखों के साथ विदाई दी. उनके चाचा के बेटे निशांत ने मुखाग्नि दी.
दरअसल, दुबई एयरशो में शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान तेजस (एलसीए तेजस) के साथ यह बड़ा हादसा हुआ. फ्लाइंग डिस्प्ले के दौरान विमान अचानक नियंत्रण खो बैठा और ग्राउंड एरिया में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दुर्घटना में तेजस के पायलट को गंभीर और घातक चोटें आईं, जिसके चलते उन्होंने प्राण गंवा दिए.
भारतीय पक्ष ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया. भारतीय वायुसेना ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि वे पायलट की मृत्यु से हुई इस अपूरणीय क्षति पर गहरा दुख प्रकट करती हैं.