नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री रहे शिवराज पाटिल का शुक्रवार तड़के 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने करीब 6:30 बजे महाराष्ट्र के लातूर स्थित अपने घर ‘देववर’ में अंतिम सांस ली। पाटिल काफी लंबे समय से बीमार थे, जिसके कारण उनका घर पर ही इलाज चल रहा था। उनके निधन पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने दुख जताया है। पाटिल का अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम को लातूर में ही किया जाएगा।
शिवराज पाटिल मराठवाड़ा के लातूर से सांसद रहे हैं। उन्होंने लोकसभा के स्पीकर से लेकर कई केंद्रीय मंत्री पदों पर काम किया था। वर्ष 2004 में पाटिल लोकसभा चुनाव में हार गए थे। इसके बाद उन्हें राज्यसभा के रास्ते गृह मंत्री का पद और केंद्रीय जिम्मेदारियां दी गई थीं। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए घातक पाकिस्तानी आतंकी हमले के समय पाटिल गृह मंत्री थे। उन्होंने सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद छोड़ दिया था।
चाकुर गांव में जन्में पाटिल ने हैदराबाद के ओस्मानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। उनका राजनीतिक सफर 1967 में लातूर नगर पालिका से शुरू हुआ, जहां वे पार्षद बने। इसके बाद 1972 में वे महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुने गए और 1972-1979 तक विधायक रहे। उन्होंने 1980 से लातूर लोकसभा सीट से जीत हासिल की और आठवीं से बारहवीं लोकसभा तक सांसद रहे। वे पंजाब के राज्यपाल भी रहे थे।

