छत्तीसगढ़ शासन ने सुशासन और प्रशासनिक पारदर्शिता को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, राज्य के सभी प्रमुख कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को पूरी तरह से अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 12 दिसंबर, 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, 01 जनवरी, 2026 से समस्त विभागाध्यक्ष (HOD), संभाग आयुक्त और कलेक्टर कार्यालयों में संपूर्ण कार्यालयीन नस्ती (फाइल) और डाक का संपादन केवल ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जाएगा। इस तिथि के बाद, विभाग प्रमुख के अनुमोदन के बिना कोई भी कागजी या फिजिकल फाइल संचालित नहीं की जा सकेगी।
यह निर्णय शासकीय कार्य को अधिक प्रभावी, सरलीकृत और उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। नए नियमों के तहत, अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा शासन स्तर पर सहमति या अनुमोदन के लिए भेजे जाने वाले सभी प्रकरण अनिवार्य रूप से ई-ऑफिस के ‘फाइल’ (File) मॉड्यूल के माध्यम से प्रेषित किए जाएंगे। वहीं, सूचनात्मक पत्राचार के लिए ‘रिसिप्ट’ (Receipt) मॉड्यूल का उपयोग करना होगा।
ई-ऑफिस के अनिवार्य होने से कार्यशैली में बड़ा परिवर्तन आएगा। अधिकारियों को शासकीय प्रवास के दौरान मुख्यालय से बाहर रहते हुए भी ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य संपादित करना होगा। इसके अतिरिक्त, शासकीय सेवक सार्वजनिक अवकाश अवधि में भी आवश्यकतानुसार ई-ऑफिस का उपयोग कर सकते हैं। शासन ने ‘डिजिटल इंडिया’ पहल को बढ़ावा देते हुए यह भी निर्देश दिया है कि दस्तावेजों को यथासंभव डिजिटल रूप से ही तैयार किया जाए, और प्रिंट निकालकर उसे स्कैन कर अपलोड करने की प्रक्रिया को हतोत्साहित किया जाए।

