हमारे देश में एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान को हर शुभ काम से पहले चिट्ठी भेजकर निमंत्रित किया जाता है. जी हां राजस्थान के रणथंभौर में एक मंदिर ऐसा है जहां गणपति को हर शुभ काम से पहले चिट्ठी भेजकर निमंत्रण दिया जाता है. इसलिए यहां हमेशा भगवान के चरणों में निमंत्रण पत्रों का ढेर लगा रहता है. कार्ड पर पता लिखा जाता है- श्री गणेश जी, रणथंभौर का किला, जिला-सवाई माधौपुर (राजस्थान). डाकिया भी इन चिट्ठीयों को पूरी श्रद्धा और सम्मान से मंदिर में पहुंचा देता है. इसके बाद मंदिर के पुजारी गणेश जी के सामने चिट्ठी पढ़कर उनके चरणों में रख देते हैं.मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश जी को निमंत्रण भेजने से सारे काम अच्छी तरह से पूरे हो जाते हैं. साथ ही भक्तों की मनोकामना भी पूरी हो जाती है. बताते चलें कि राजस्थान के सवाई माधौपुर से लगभग 10 किमी.दूर रणथंभौर के किले में बना गणेश मंदिर भगवान को चिट्ठी भेजे जाने के लिए जाना जाता है. यहां के लोग घर में कोई भी मंगल कार्य करते हैं तो रणथंभौर वाले गणेश जी के नाम कार्ड भेजना नहीं भूलते. यह मंदिर 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हमीर ने बनवाया था. कहा जाता है कि युद्ध के दौरान राजा के सपने में गणेश जी आए थे और उन्हें आशीर्वाद दिया. जिसके बाद युद्ध में राजा की विजय हुई. तब उन्होंने अपने किले में मंदिर का बनवाया.इस मंदिर पर भगवान गणेश की मूर्ति बाकी मंदिरों से कुछ अलग है. मूर्ति में भगवान की तीन आंखें हैं. गणेश जी अपनी पत्नी रिद्धि-सिद्धि और अपने पुत्र शुभ लाभ के साथ विराजमान हैं. गमेण जी का वाहन चूहा भी साथ मैं हैं. यहां गमेण चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. यहां पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
चिट्ठी द्वारा बतानी है गणेश जी को अपने मन की बात, पूरी होगी हर मनोकामना
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