रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर की सीधी भर्ती में नौकरी लगवा देने और राजस्व विभाग में कम्प्यूटर ऑपरेटर भर्ती कराने का झांसा देकर दंपत्ति से 4 लाख रुपए ठगी के मामले में आरोपी महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर को बालको पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया है। आरोपी ने बलौदा बाजार जिले में भी 4 लोगों से 50 लाख से अधिक की ठगी की है और इस मामले में सेंट्रल जेल रायपुर में निरूद्ध है। उसे बालको पुलिस ने वहां के न्यायालय से प्रोटेक्शन वारंट पर प्राप्त किया और बालको थाना में दर्ज प्रकरण में गिरफ्तार कर यहां के न्यायालय में पेश कर जिला जेल दाखिल कराया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बालको थाना अंतर्गत अंबेडकर चौक भदरापारा निवासी दिग्विजय कुमार रात्रे की पत्नी निर्मला रात्रे के साथ ठगी की यह घटना हुई है। निर्मला रात्रे की जान-पहचान विवाह वर्ष 2013 के पूर्व से जिला बलौदा बाजार महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर मेवा चोपड़ा से थी। शादी के पूर्व तक इन दोनों में बातचीत होती थी। 2015 में निर्मला का दिग्विजय से विवाह हुआ और फिर मेवा चोपड़ा से किसी तरह की बातचीत नहीं हुई। सितंबर 2017 में मेवा चोपड़ा का फोन आया और विभाग में सुपरवाइजर की सीधी भर्ती होने की जानकारी देकर नौकरी लगाने 3 लाख रुपए की मांग रखी। निर्मला ने अपने पति से सलाह मांगा तब मेवा चोपड़ा से इसकी जानकारी फोन पर ली और पूरा भरोसा दिलाने पर 3 लाख रुपए देने की सहमति हुई। कुछ दिन बाद मेवा ने पुन: राजस्व विभाग कोरबा में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर भर्ती के एवज में 2 लाख रुपए की मांग रखी। कुल मिलाकर 5 लाख में सौदा हुआ और मेवा चोपड़ा द्वारा दिए गए क्रांति परस्ते के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा गाड़ासरई जिला डिंडौरी मध्यप्रदेश के खाता में किश्तों में ढाई लाख एवं मेवा चोपड़ा के एचडीएफसी बैंक की शाखा बलौदा बाजार में एनईएफटी के माध्यम से डेढ़ लाख, दोनों के खाता में कुल 4 लाख रुपया जमा कराया। काम हो जाने के बाद 1 लाख रुपए देना तय हुआ। इसके बाद न तो नौकरी लगी और न ही रुपए वापस हुए। 3 साल से मेवा चोपड़ा के द्वारा घुमाया जा रहा है। आखिरकार दिग्विजय कुमार ने इसकी लिखित शिकायत बालको थाना में की। पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी के निर्देशानुसार बालको टीआई राकेश मिश्रा ने तत्काल श्रीमती मेवा चोपड़ा व क्रांति परास्ते के विरुद्ध धारा 420, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। टीआई श्री मिश्रा ने बताया कि एएसआई नरेन्द्र सिंह परिहार व नीलम केरकेट्टा की विशेष टीम द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पतासाजी के दौरान ज्ञात हुआ कि मेवा चोपड़ा थाना बलौदाबाजार के मामले में सेंट्रल जेल रायपुर में निरूद्ध है। स्थानीय न्यायालय से उसे प्रोटेक्शन वारंट प्राप्त कर कोरबा लाया गया और न्यायालय में पेश कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की गई। अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है।
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