सुकमा। छत्तीसगढ़ में अब गोठान ग्रामीणजनों के लिए आजीविका के साधन बन रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना अब जीवंत रूप धारण कर रही है। ग्रामीण क्षेत्र के रहवासी शासन की हितकारी नरवा, गरवा, घुरुवा बाड़ी योजना से लाभ कमा रहे हैं। गोठान अब मात्र पशु और गोधन संवर्धन का केंद्र नहीं बल्कि ग्रामीणों के लिए आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किए जा रहे हैं , जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। सुकमा जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आदर्श गोठान रामपुरम उदाहरण स्वरूप है, जहां समिति और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा ना सिर्फ गोधन संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, अपितु बहुत सी रोजगार मूलक गतिविधियां भी सफलता से संचालित की जा रही हैं। जिले के गोठान अब आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
आदर्श गोठान रामपुरम में स्व-सहायता समूहों द्वारा शबरी लेयर फार्मिंग, कड़कनाथ मुर्गी पालन, वर्मी खाद उत्पादन के साथ ही बाड़ी विकास योजना के अन्तर्गत रिक्त भूमि पर सब्जियों की फसल ली जा रही है। मां दुर्गा स्व सहायता समूह द्वारा कड़कनाथ मुर्गी पालन और जैविक खाद उत्पादन का कार्य किया जा रहा है, वहीं गोठान में शबरी लेयर मुर्गी पालन और मशरूम उत्पादन का जिम्मा गायत्री स्व सहायता समूह की महिलाएं संभाल रही हैं। गुलाब महिला स्व सहायता समूह द्वारा पेवर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही गोठान की खाली जमीन पर सब्जी भाजी का भी उत्पादन किया जा रहा है।
अब तक 20 हजार से अधिक की हुई आमदनी
बाड़ी विकास योजना के तहत रमपुरम गोठान में चना भाजी, पालक, लाल भाजी, धनिया, मिर्ची, टमाटर, बरबट्टी, भांटा, लौकी, करेला, बीन्स, मूली, गांठ गोभी, फूल गोभी, शकरकंद की फसल ली जा रही है। सभी साग सब्जियों को धूप और पानी की आवश्यकता के अनुरूप नियत स्थानों पर अलग अलग जगह लगाया गया है। गोठान में सोलर पम्प की मदद से फसलों के सिंचाई की व्यवस्था की गई है। साग सब्जियों की पौष्टिकता को और बढ़ाने के लिए इनमें पूर्णतः जैविक खाद का उपयोग किया जा रहा है। समिति के सदस्यों ने बताया कि वे गोठान में उत्पादित साग-भाजी को स्थानीय बाजारों में विक्रय करते है, जिसे ग्रामीण हाथों हाथ खरीद लेते हैं।
एनआरएलएम शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में संचालित 89 गोठान में ग्रामीणों की रुचि अनुसार विभिन्न रोजगार मूलक कार्य किए जा रहे हैं। सभी में बाड़ी विकास के तहत सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। अब तक साग-भाजी बेचकर 20 हजार से भी अधिक की आमदानी समूह द्वारा अर्जित की गई है। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरुवा बाड़ी निश्चित ही प्रदेश के ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर और आर्थिक आत्मनिर्भरता के नए साधन प्रदान कर रही है।
What's Hot
Previous Articleरात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू का ऐलान
Next Article चीतल का शिकार, 4 पकड़े गए
Related Posts
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.
