हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी दिन से हिंदू नव वर्ष यानि कि नव सम्वत्सर की भी शुरुआत होती है। इस पर्व को शक्ति की उपासना के तौर पर भी देखा जाता है। होली के बाद चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ होता है और इस दौरान मां दुर्गा की आराधना की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और जिनका समापन 22 अप्रैल को होगा। अबकी चैत्र नवरात्रि का आरंभ मंगलवार को हो रहा है। इस बार मां दुर्गा का आगमन अश्व यानि घोड़े पर होगा। वर्ष में दो बार चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि आती है। इसमें मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है। हालांकि, वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्रि भी आती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि की मान्यता ज्यादा है। संवत 2078 का आरंभ 13 अप्रैल से होगा। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी आरंभ हो जाएगी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नवरात्रि प्रारंभ होंगे। इसी दिन घटस्थापना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के समय ही राम नवमी का पावन पर्व भी आता है। चैत्र नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी कहा जाता है। नवरात्रों की प्रमुख तिथियों में गणगौर पूजा 15 अप्रैल, दुर्गा सप्तमी 19 अप्रैल, दुर्गाष्टमी 20 अप्रैल एवं श्रीरामनवमी 21 अप्रैल को होगी। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिन पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिन तक व्रत करते हैं। साथ ही नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के हर दिन देवी दुर्गा के एक रूप की पूजा होती है। देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूप हैं-शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि।
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