अम्बिकापुर। गोठनों में निर्मित वर्मी खाद का उपयोग कर कतार विधि से की गई धान की खेती लहलहाने लगे हैं। वर्मी खाद से पौधों को पौष्टिक तत्व मिलने से धान के पौधों में तेजी से विकास हो रहा है। पौधों के तंदुरुस्त होने पर तेजी से वृद्धि हो रही है वही अब तक रोग या कीट का प्रकोप भी नही पाया गया है। उपसंचालक कृषि से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत लुंड्रा के ग्राम पंचायत असकला और कोट के किसानों ने वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग से धान की रोपाई कतार विधि से की है। धान रोपाई का अंतराल 20 दिन है। वर्मी खाद के उपयोग से 20 दिन में ही धान फसल की वृद्धि बहुत तेजी से हुई है।
उल्लेखनीय हैं की सरगुजा जिले की गोठानो में गोबर से वर्मी खाद एवं सुपर कम्पोस्ट का निर्माण कर सहकारी समितियों में भंडारण कराया जा रहा है। समितियो से किसान वर्मी खाद का उठाव कर रहे है। जिले के किसान अब धान की परंपरागत खेती के स्थान पर आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति को अपना रहे है। यही कारण है कि धान की खेती में कतार विधि एवं श्रीविधि देखने को मिल रहा है। किसानों को इस विधि से खेती करने पर अधिक उपज मिलेगी।
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