देश के 12 राज्यों में अंधेरा छाने का खतरा पैदा होने लगा है. इसके पीछे की वजह ये है कि देश में कोयले का स्टॉक कम हो रहा है. दरअसल, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने घरेलू थर्मल पावर प्लांट्स के लिए कोयले के कम हो रहे भंडार की ओर केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान मोड़ा है. इसने 12 राज्यों में ऊर्जा संकट की चेतावनी दी है. फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा कि थर्मल पावर यूनिट्स को ऊर्जा पैदा करने को लेकर आग लगाने के लिए कम कोयले के स्टॉक के कारण संकट और बिगड़ सकता है. सरकार ने भी हाल ही में इस ऊर्जा संकट को स्वीकार किया था. शैलेंद्र दुब ने कहा, ‘पिछले साल अक्टूबर के बाद एक बार फिर 12 राज्यों में कोयला संकट देखा जा रहा है. अप्रैल के पहले पखवाड़े में घरेलू बिजली की मांग महीने के 38 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. पिछले साल अक्टूबर में जहां 1.1 फीसदी बिजली की कमी थी, वहीं इस साल अप्रैल में यह कमी बढ़कर 1.4 फीसदी हो गई.Ó दुबे ने कहा कि आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड और हरियाणा को 3 से 8.7 फीसदी तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह बिजली संकट को टालने के लिए थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले के भंडार को फिर से भरने के लिए तत्काल कदम उठाए.
एआईपीइएफ ने कहा कि कोयले की कमी की वजह से थर्मल पावर उत्पादन प्रभावित होने वाला है. ऐसे पिछले साल अक्टूबर में पहले ही हो चुका है. उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग 21,000 मेगावाट तक पहुंच गई है, जबकि वहां पर अभी 19,000-20,000 मेगावाट बिजली की सप्लाई की जा रही है. फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा, हालांकि यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा ऑपरेट किए जाने वाले थर्मल पावर प्लांट्स में अभी किसी तरह का कोई गंभीर कोयला संकट नहीं है. उनका रिजर्व स्टॉक सैटेंडर्ड नियम का केवल 26 फीसदी है. जैसे-जैसे तापमान में इजाफा होगा, बिजली की मांग में भी इजाफा होगा, इसेस हालात कठिन हो सकते हैं.
सरकार ने संकट के पीछे इन्हें बताया वजह
शैलेंद्र दुबे ने कहा, इस हालात के पीछे की वजह प्रबंधन की दूरदर्शिता की कमी है. उन्होंने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में परीछा थर्मल पावर स्टेशन को कोयले की कमी के चलते बंद करना पड़ा था. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कोयला संकट के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयातित कोयले की कीमतों में भारी वृद्धि को जिम्मेदार बताया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि बिजली स्टेशनों तक कोयले को ले जाने के लिए रेलगाडय़िों की कमी भी संकट की वजह है. थर्मल पावर स्टेशनों को कोयले की आपूर्ति के लिए देश में 453 डिब्बों की जरूरत है, जबकि अप्रैल के पहले हफ्ते में ये केवल 379 ही उपलब्ध थे.
Related Posts
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.
