Monday, December 8

तुर्की और सीरिया में भूकंप के बाद कई जिंदगियां तबाह हो गईं. किसी ने अपना घर तो किसी ने अपना पूरा का पूरा परिवार ही गंवा दिया है. हजारों की संख्या में हंसता खेलता परिवार चंद सेकेंड में तबाह हो गया. इनमें से एक आफरा भी है. अफरा का जन्म भूकंप के बाद गिरी इमारतों के मलबे के बीच हुआ था. भूकंप आने के बाद जब घर गिरा तो गर्भवती मां भी मलबे के नीचे आ गई. इस बीच चमत्कारिक रूप से एक बच्ची जन्म लेती है. सुरक्षाकर्मियों ने जब बच्ची को देखा तो उसकी गर्भनाल मां से जुड़ी हुई थी. रेस्क्यू टीम ने किसी तरह से बच्ची को बाहर निकाला और फिर अस्पताल भेज दिया. जहां उसका इलाज चल रहा था. अस्पताल कर्मियों ने तब इस नवजात को अया नाम दिया था. अया अब ठीक हो चुकी है लेकिन उसकी जिंदगी के घाव अब भी ताजा हैं. अया का नाम बदलकर अब अफरा हो चुका है. अफरा अब अपने चाचा-चाची के घर चली गई है और वहीं से उसकी नई जिंदगी की शुरुआत होगी. चाचा-चाची ने ही उसे अफरा नाम दिया है. मां का नाम भी अफरा ही था. इसलिए चाचा-चाली ने अब उसे यह नाम दे दिया है. अफरा छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के कुछ घंटे बाद से ही अस्पताल में भर्ती थी. सोमवार से अफरा की देखभाल की जिम्मेदारी अब उसके चाचा खलील अस सावदी के कंधों पर आ गई है. खलील अब उत्तरी सीरिया के जिंदरीस शहर में अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं, क्योंकि भूकंप की वजह से उनका भी घर ढह गया है. अल सवादी उनकी पत्नी हैं. दोनों का चार बेटियां और दो बेटे हैं और अफरा परिवार की नई सदस्य के रूप में जुड़ गई. अफरा अपने चचेरे भाईयों के साथ रहकर जीवन की एक नई गाथा लिखेगी. अफरा के अंकल कहते हैं, वह अब मेरे बच्चों में से एक है. मैं उसके और अपने बच्चों के बीच कोई अंतर पैदा नहीं होने दूंगा. द एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, सोमवार खलील अपनी गोद में अफरा को लेकर बैठे नजर आए. खलील कहते हैं कि वह मुझे अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यारी है क्योंकि वह अपने माता-पिता और भाई बहनों की याद को जिंदा रखेगी.

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