उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बुजुर्ग महिला ने 92 साल की उम्र में स्कूल जाकर सभी को हैरत में डाल दिया है. उम्र की अंतिम पड़ाव पर शिक्षा प्राप्त करने का अपने जीवनभर का सपना साकार कर बुजुर्ग महिला समाज के लिए मिसाल बनकर उभर रही है. जिसके बारे में सुन हर कोई अचंभित हो रहा है. दरअसल बुलंदशहर की 92 वर्षीय सलीमा खान नाम की महिला ने आखिरकार शिक्षा प्राप्त करने का अपना सपना पुरा कर लिया है. जानकारी के अनुसार सलीमा ने छह महीने की शिक्षा पूरी कर ली है और वह पढऩे-लिखने में सक्षम है. इसके अलावा वह एक से लेकर 100 तक की गिनती पढऩे में भी सक्षम हो गई हैं. ऐसे में उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी धूम मचा रहा है. सलीमा खान का कहना है कि अब वह अपना नाम लिख सकती हैं. और यह उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है.
परीक्षा हॉल में आकर्षण का केंद्र बनी सलीमा
उन्होंने बताया कि अनपढ़ होने के कारण पहले उनके पोते-पोतियां उनसे अतिरिक्त पैसे देने के लिए बरगलाते थे क्योंकि वह करेंसी नोट नहीं गिन पाती थी, लेकिन अब वो पुराने दिन की बात हो गई है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के साक्षर भारत अभियान के तहत रविवार को 15 साल और उससे अधिक उम्र के अनपढ़ लोगों को साक्षरता परीक्षा ली गई. इस दौरान सलीमा खान परीक्षा हॉल में आकर्षण का केंद्र थी.
पढ़ाई के प्रति दिखा सलीमा के जुनून
प्राथमिक विद्यालय चावली की प्रधानाध्यापिका डॉ प्रतिभा शर्मा का कहना है कि सलीमा लगभग आठ महीने पहले उनके पास आई और क्लास में बैठने और शिक्षा प्राप्त करने का अनुरोध किया. उनका कहना है कि इतनी बुजुर्ग महिला को शिक्षित करना एक कठिन काम था, ऐसे में शुरू में थोड़ा झिझक बनी रही. हालांकि समय के साथ पढ़ाई के प्रति सलीमा के जुनून ने सभी को अपना मन बदलने पर मजबूर कर दिया. डॉ प्रतिभा शर्मा के अनुसार बुजुर्ग महिला सलीमा का उत्साह देखकर उनकी दो बहुओं समेत गांव की 25 महिलाएं भी साक्षर होने के लिए स्कूल का रुख कर रही हैं.(ABP LIVE)