Thursday, June 26

रिश्ते में आना जितना आसान होता है, इन्हें निभाने के लिए लोगों को उतने ही पापड़ बेलने पड़ते हैं। रिश्तों पर काम और प्रयास करने पड़ते हैं तब कहीं जाकर ये कामयाब होते हैं। रिश्तों को कामयाब बनाने के लिए कई बार लोगों समझौते भी करने पड़ते हैं। समझौता करना कोई अच्छी बात नहीं है, लेकिन कई बार हालात और परिस्थिति के आगे लोगों को झुकना पड़ जाता है। समझौते कई रिश्तों को बेहतर बना देते हैं। वहीं कुछ रिश्ते इनकी वजह से नर्क बन जाते हैं। रिश्ते को बचाने के लिए हालातों से समझौता करना जरुरी है, लेकिन किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए कहाँ तक झुकना चाहिए? कुछ परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं, जहाँ रिश्ते को बचाने के लिए किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करना बेहतर होता है।
आत्मसम्मान से समझौता नहीं- रिश्ते में प्यार से ज्यादा एक-दूसरे के लिए सम्मान होना चाहिए। लेकिन अगर आपका पार्टनर आपका, आपकी राय या आपके प्रयासों का सम्मान नहीं कर रहा है तो इस परिस्थिति में समझौता करना एक बड़ी बेवकूफी होगी। सम्मान पर चोट देने वाले के साथ समझौता करने से आपकी आत्मा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, जिसे ठीक करना आपके लिए मुश्किल साबित होगा। इसी की तरह अगर आप भी अपने पार्टनर का सम्मान नहीं कर रहे हैं तो रिश्ते को खत्म करना ही बेहतर होगा।
प्रयास नहीं करने वाले के साथ समझौता नहीं- रिश्ते निभाने के लिए प्रयास करने पड़ते हैं। अगर आपकी जरूरतों, खुशियों का ख्याल रखने के लिए आपका पार्टनर कुछ भी नहीं कर रहा है तो फिर रिश्ते में रखकर खुद के आत्मसम्मान को ठेस क्यों पहुंचानी। ऐसी परिस्थिति में हालातों से समझौता नहीं करना बेहतर है।
परिवार और दोस्तों को समय देने से समझौता नहीं- आपकी जिंदगी में मौजूद हर व्यक्ति की अपनी-अपनी अहमियत है फिर चाहें वो पार्टनर हो, दोस्त हो या फिर परिवार के लोग। ऐसे में अगर आपका पार्टनर आपको आपके दोस्तों और परिवार से बात करने से मना कर रहा है तो गलती से भी उनकी इस बात से समझौता न करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आगे चलकर आपको इस बात का पछतावा हो सकता है। एकता

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