Sunday, June 8

दीपक से दीपावली पर अकसर चारों ओर दीपक जलाए जाते हैं, हालांकि सभी घरों में दीपावली के अलावा प्रतिदिन पूजा घर में दीपक जलाए जाने का प्रचलन है। दीपक जलाना बहुत ही शुभ होता है। कहते हैं कि इसको जलाने के कई तरह के कष्ट दूर होते हैं। दीपक भी कई प्रकार के होते हैं, जैसे चांदी के दीपक, मिट्टी के दीपक, लोहे के दीपक, ताम्बे के दीपक, पीतल की धातु से बने हुए दीपक और आटे से बनाए हुए दीपक। दीपावली पर मिट्टी के दीपक ही जलाने का महत्व है। मिट्टी के दीपक अधिक शुभ होते हैं।
देवी-देवता के सामने जलाने जाने वाले दीपक धातु, लकड़ी या मिट्टी से बना होना चाहिए। दीपक में घी और तेल को मिलाना नहीं चाहिए। घी के दीपक में सफेद खड़ी बत्ती लगाकर, उसे देवी-देवता के दाहिने हाथ की तरफ रखना चाहिए यानि कि अपने बाएं हाथ की तरफ जबकि तिल के तेल के दीपक को देवता के बायी तरफ, यानि कि अपने दाहिने हाथ की तरफ रखना चाहिए। तिल के तेल के दीपक में लाल बत्ती रखनी चाहिए और ये बत्ती पड़ी हुई होनी चाहिए। घी का दीपक देवता के लिये होता है, जबकि तेल का दीपक साधक की कामनाओं के लिये होता है। आप अपनी इच्छानुसार एक या दो दीपक जला सकते हैं। किसी भी प्रकार की साधना या सिद्धि के लिए आटे का दीपक बनाते हैं और इसे ही पूजा करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
घी का दीपक- आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए रोजाना घर के मंदिक में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। आश्रम और मंदिर में अखंड ज्योत जलाने के लिए भी शुद्ध गाय के घी का या तिल के तेल का उपयोग किया जाता है।
सरसों के तेल का दीपक- शत्रुओं से बचने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं। भैरव जी के यहां भी सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
तिल के तेल का दीपक- शनि ग्रह सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति हेतु तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
महूए के तेल का दीपक- जीवनसाथी के लंबी आयु की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए घर के मंदिर में महुए के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
अलसी के तेल का दीपक- राहु और केतु ग्रहों की दशा को शांत करने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
चमेली के तेल से भरा तिकोना दीपक- संकट मीचन हनुमानजी की पूजा करने के लिए और उनकी कृपा आप पर सदैव बनी रहे, इसके लिए तीन कोनों वाला दीपक जलाना चाहिए।
चार मुख वाला सरसों के तेल का दीपक- भैरव देवता को प्रसन्न करने के लिए चार मुख वाला सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
पांच मुखी दीपक- किसी केस या मुकदमे को जीतने के लिए भगवान के आगे पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए। इससे कार्तिकेय भगवान प्रसन्न होते हैं।
सात मुखी दीपक- माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहे, इसके लिए हमें उनके समक्ष सात मुख वाला दीपक जलाना चाहिए। दीपावली पर यह कार्य अवश्य कीजिए।
आठ या बारह मुख वाला दीपक- शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए घी या सरसों के तेल का आठ या बारह मुख वाला दीपक जलाना चाहिए।
सोलह बत्तियों का दीपक- विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए इनके समक्ष रोजाना सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए। दशावतार की पूजा हेतु दशमुख वाला दीपक जलाएं।
गहरा और गोल दीपक- ईष्ट सिद्धि के लिए या ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक गहरा और गोल दीपक प्रज्वलित करें।
मध्य से ऊपर की ओर उठा हुआ दीपक- शत्रुओं से बचने या किसी भी आपत्ति के निवारण के लिए मध्य से ऊपर की ओर उठे हुए दीपक का प्रयोग जलाने के लिए करना चाहिए।

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