Monday, July 28

रायपुर । यातायात मुख्यालय के सभागार में 17 मई को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 एवं भारतीय साध्य अधिनियम 2023, के संबंध में जिला पुलिस बल रायपुर के 80 विवेवकों को प्रशिक्षण देने 1 दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में पुलिस महानिरीक्षक, रेंज रायपुर अमरेश मिश्रा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर संतोष सिंह एवं पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के विधि विभाग के सहायक प्रध्यापक एवं विधि विशेषज्ञ श्रीमती प्रिया राव उपस्थित रहे।

सेमीनार में जिले के विवेचकों को पुलिस महानिरीक्षक ने अपने उद्‌बोधन में बताया कि ये तीनों नवीन कानून अपराधिक न्यायप्रणाली को एक मजबूत, आधुनिक और वैज्ञानिक आधार प्रदान करेंगी, इनसे विवेचना में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, तकनिकी एवं फोरेंसिक उपकरणों की मदद से जांच की गुणवत्ता अधिक होगी और समय सीमा में ट्रायल की प्रक्रिया पूरी होगी। सेमीनार के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने नवीन कानूनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुये बताये कि पुराने कानून तिसका आचार दण्डात्मक प्रकृति का था, उसमें वर्तमान परिपेक्ष्य को देखते हुये सुधार करते हुये, न्याय प्रकृति का बनाया गया है जिससे विवेचना एवं न्यायालयीन कार्यवाही में अनावश्यक विलय को समाप्त कर जल्द से जल्द पीडित को न्याय मिल सके।सेमीनार के दौरान नवीन कानूनों के बारीकियों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये बताया गया है कि वर्तमान के नवीन कानून में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को विशेष महत्व की श्रेणी में मानते हुये इसके लिये पृथक से अध्याय रखा गया है, पूर्व के कानून में अपराधियों की जेल जाने का प्रावधान था, किन्तु वर्तमान के नवीन न्याय संहिता में अपराधियों से सामुदायिक सेवा कराये जाने के संबंध में नवीन प्रावधान जोड़े गये है, पूर्व में जी राजद्रोह कहलाता था, उसका नाम संशोधित कर देशद्रोह रखा गया है एवं लोगों के वाणी के स्वतंत्रता के अधिकार में वृद्धि की गयी है। अब देश के विरूद्ध अपराधिक कृत्य किये जाने पर ही देशद्रोह का अपराब माना जायेगा। सात वर्ष एवं उससे अधिक सवा संबधी अपराधों में अपराध पंजीबद्ध होने पर पुलिस विवेचना के दौरान अब अनिवार्य रूप से घटना स्थल, गवाही का कथन, का विडियोग्राफी एवं एफएसएल निरीक्षण एवं रिपोर्ट प्राप्त किया जाकर प्रकरण में संलग्न किया जाना अनिवार्य किया गया है। जिससे अपराय विवेचना पूरी तरह डिजिटलाइजेशन से हो जायेगी, वैवाहिक विकत पश्चात् पत्नि द्वारा पति के विरुद्ध रेप का अपराध अब पत्नि के नाबालिक 18 वर्ष से कम होने के स्थिति में ही माना जावेगा। उपरोक्त नवीन कानूनों में न केवल पुलिस बल्कि न्यायालय कार्य के समय सीमा निर्धारित की गयी है, जिससे पूर्व में न्यायालयों के निराकरण में होने वाले अत्यधिक विलंब समाप्त हो सकेगी। विचि विशेषात श्रीमती प्रिया राव ने बताया कि वर्ततमान नवीन कानून में सबसे पहले स्थान महिलाओं एवं बच्चों के साथ हुये अत्याचार को दिया गया है एवं महिलाओं एवं बच्चों के गौरव को प्रस्थापित करने का काम किया है इस प्रकार से जिला पुलिस बल रायपुर में पदस्थ समस्त विवेचक स्तर के अधिकारियों को नवीन कानूनों के प्रति जागरुकता लाने के लिये लगातार विभिन्न सेमीनार एवं प्रशिक्षण के माध्यम से इस एवं सक्षम बनाया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में नवीन कानून के लागू होने के पश्चातु जिला पुलिस बल रायपुर बेहतर दक्ष एवं तत्परता पूर्वक कार्यवाही कर सके।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
Exit mobile version