जल जीवन मिशन माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अत्यंत महत्वकांक्षी योजनाआं में से एक है। उनके सपनों को साकार करते हुए माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व एवं उपमुख्यमंत्री अरूण साव के कुशल मार्गदर्शन में राज्य के 39 लाख 14 हजार 917 अर्थात 78.22 प्रतिशत परिवारों को घरेलू कनेक्शन उपलब्ध कराये जा चुके है। जल जीवन मिशन के कारण राज्य के वनांचल एवं आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव आया है।
जल जीवन मिशन की सफलता को दोहराते हुए ग्राम-कोसाबंदर, छत्तीसगढ़ राज्य के नक्सल प्रभावी सुकमा जिला के सुकमा तहसील में स्थित है। यह झापरा ग्र्राम पंचायत के अंतर्गत आता है। कोसाबंदर गांव में कुल 83 परिवार निवास करते है जहाँ की कुल जनसंख्या 289 है। कोसाबंदर गांव, अपने निकटतम शहर सुकमा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जल जीवन मिशन कार्यक्रम के क्रियान्वयन से पूर्व कोसाबंदर गांव में कुल 11 हैण्डपम्प एवं 04 पावर पम्प लगे थे। ग्राम के लोग पीने के पानी एवं रोजमर्रा के घरेलू जरूरत हेतु आवश्यक पानी के लिए मुख्य रूप से ग्राम के इन्हीं हैण्डपम्पों एवं पावर पम्प पर आश्रित रहा करते थे। गर्मी के मौसम में प्रायः गांव के भूमिगत जल स्तर के नीचे चले जाने से गांव वालों को पीने के पानी की बहुत अधिक कठिनाईयो का सामना करना पड़ता था। कोसाबंदर गांव में जल जीवन मिशन के तहत सोलर आधारित पेयजल योजना के माघ्यम से गांव के सभी 83 परिवारों को थ्भ्ज्ब् के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। गांव की महिलाओं के द्वारा कोसाबंदर गांव को ग्राम सभा के दौरान ’’हर घर जल ग्राम’’ घोषित करते समय भारत सरकार एवं राज्य सरकार को विशेष आभार व्यक्त करते हुए किया गया। अब गांव के हर घर को नल से जल मिलने से ग्रामीणों का जीवन काफी आसान हो गया है। ग्राम की महिलायें कहती हैं कि हमें अभी पानी के लिये घर से बाहर नही जाना पड़ता है जिससे हमें खेत में कृषि कार्य करने के पश्चात घर आने से पानी के लिए दूर सूदुर स्थित हैंडपंप या कुंआ जाने की आवश्यकता नही पड़ती है । अब हमंे घर के द्वार पर ही दैनिक उपयोग के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी उपलब्ध हो रही है।
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