Sunday, December 7

हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। सभी एकादशियों में से निर्जला एकादशी काफी खास होने के साथ सबसे कठोर मानी जाती है, क्योंकि इस दिन अन्न-जल ग्रहण नहीं किया है। बता दें कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी और बड़ी ग्यारस जैसे नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से हर तरह के दुखों से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही पापों से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल निर्जला एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं।

वर्ष में कुल 24 एकादशी आती हैं। इनमें ज्येष्ठ माह की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। सभी एकादशी में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रत माना जाता है। इस दिन महिलाएँ बिना अन्न जल ग्रहण किए हुए व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा आराधना करती हैं। इसके साथ ही 24 एकादशी में निर्जला एकादशी सर्वश्रेष्ठ एकादशी माना जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत बड़े ही नियम और विधि विधान के साथ किया जाता है। कई ऐसे कार्य हैं, जो निर्जला एकादशी के दिन बिल्कुल वर्जित माने जाते हैं।

अगर आप ऐसे कार्य करते हैं तो माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाएंगी और घर में दरिद्रता आना निश्चित है, लेकिन अगर जातक नियम विधि विधान के साथ इस व्रत का पालन करते हैं तो घर में सुख समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होगी। इसके साथ ही सभी पापों से मुक्ति मिलेगी और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होगी।
जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस साल 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 19 जून को सूर्योदय के बाद ही इस एकादशी का पारण किया जाएगा। निर्जला एकादशी के दिन विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इससे सारे दुखों से निजात मिल जाती है। इस साल निर्जला एकादशी के दिन बेहद अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। निर्जला एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शिववास के साथ हस्ता नक्षत्र रहने वाला है, जो बेहद शुभ योग है। लेकिन निर्जला एकादशी के दिन कुछ कार्य ऐसे हैं जो बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए।

कब है निर्जला एकादशी 2024?

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून को सुबह 04 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 18 जून को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को रखा जाएगा।

निर्जला एकादशी पर बन रहे शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल निर्जला एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। शिव योग दिनभर रहकर रात 9 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा। इसके साथ ही दोपहर में 3 बजकर 56 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक त्रिपुष्कर योग है।
नोट—इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Exit mobile version