राजस्थान के बाशिंदों के लिए एक गुड न्यूज है. अब वो एक कॉल के जरिए प्रतिबंधित प्लास्टिक की सूचना देकर ना सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान दे सकते हैं, बल्कि इसके बदले में अब उन्हें नगद 10 हजार रुपए का इनाम भी मिलेगा. प्लास्टिक मुक्त प्रदेश के उद्देश्य से राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने यह अनूठी पहल की है, जिसका आम जनता जमकर स्वागत कर रही है. क्या है यह अनूठी योजना? आइए, जानते हैं…
वैसे तो राजस्थान की मरु भूमि में कई ऐसे महापुरुष हुए, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया. अब 21वीं सदी में मोबाइल पर व्यस्त रहने वाली आज की पीढ़ियों के पास पर्यावरण को बचाने की अहम जिम्मेदारी है, इसके लिए उन्हें कहीं और जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसी मोबाइल से सिर्फ एक फोन करने की जरूरत है.
इसके लिए अब आप बाजार की किसी भी दुकान या गोदाम में प्लास्टिक के गिलास, प्लेट, झंडे, स्टिक, चम्मच, ट्रे, स्ट्रा, कटलरी आइटम, डिब्बे, कार्ड कवर जैसे 100 माइक्रॉन से कम मोटाई की प्लास्टिक देखते हैं तो तुरंत राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को फोन करके शिकायत कर सकते हैं. इसके बाद विभाग प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं के भंडारण, परिवहन और विक्रय के खिलाफ एक्शन तो लेगा ही, साथ ही आपको भी सूचना देने के बदले में पारितोषक के तौर पर तुरंत 10 हजार रुपए का इनाम भी मिलेगा.
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव विजय एन. के अनुसार, विश्व स्तर पर प्लास्टिक कचरा चिंता का विषय बन चुका है और जगह-जगह एकल प्रयोग प्लास्टिक की वस्तुएं कचरे के ढेर में तब्दील मिलती हैं. इससे पर्यावरण को नुकसान होता है, साथ ही आम जन जीवन पर पर भी बड़ा खतरा है.
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव विजय एन
ऐसे में राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इससे निपटने के लिए आमजन को जागरूक करने के लिए पारितोषक योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत प्रतिबंधित प्लास्टिक के वितरण, बिक्री, आयात, भंडारण और उपयोग की जानकारी देने वाले को 10 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. इसके लिए कम से कम 50 किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक की सूचना देने पर 500 रुपए और 1 हजार किलो प्लास्टिक के बारे में इनपुट देने पर 10 हजार रुपए तक का इनाम दिया जाएगा.
दरअसल, देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2 साल पहले सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर रोक लगाई थी, लेकिन फिर भी कई राज्यों में धड़ल्ले से प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है. इसमें राजस्थान भी पीछे नहीं है, लेकिन अब राज्य के स्थानीय निकाय विभाग, शहरी विकास व आवासन विभाग और परिवहन विभाग के जरिए ऐसी प्लास्टिक वस्तुओं की जब्ती कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं, देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य होगा, जहां इसकी सूचना देने वाले को नगद राशि इनामी तौर पर मिलेगी.
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