Monday, June 9

सारंगढ़-बिलाईगढ़ । सारंगढ़ बिलाईगढ जिले को एक बार पुनः गौरवान्वित होने का अवसर प्राप्त हुआ है।  जिला मुख्यालय सारंगढ़ के वनांचल ग्राम पंचायत बैगीनडीह ढोकरा बेलमेटल शिल्पी कला के लिए शिल्पकार हीराबाई झरेका बघेल का छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। इस खबर से पूरे अंचल के क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है। कलेक्टर धर्मेश साहू सहित पत्रकारों, सरपंच व सभी शुभचिंतकों ने शिल्पकार हीराबाई झरेका बघेल को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उल्लेखनीय है कि ढोकरा बेल मेटल शिल्प कला के क्षेत्र में पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिलने पर पूरा जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है। सारंगढ़ जनपद पंचायत के वनांचल ग्राम पंचायत बैगीनडीह के ढोकरा बेल मेटल शिल्पी कलाकारों की कला जो कि आज पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन पूरे भारत देश के साथ ही विदेश में भी सारंगढ़ बिलाईगढ जिला के ढोकरा बेल मेटल शिल्प शिल्पियों की कलाकारी का डंका बजा चुके हैं जिसमें इसके पूर्व भी वनांचल ग्राम पंचायत बैगीनडीह के रहवासी को सम्मानित किया गया है। अब एक बार फिर पूरे छत्तीसगढ़ से सारंगढ़ बिलाईगढ जिला को गौरवान्वित करते हुए ढोकरा बेल मेटल शिल्प कला के क्षेत्र में ‌वनाचल ग्राम पंचायत बैगीनडीह की श्रीमती हीराबाई झरेका बघेल को ढोकरा बेल मेटल शिल्प कला के क्षेत्र में विकास आयुक्त हस्त शिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली के द्वारा पूरे प्रदेश से ढोकरा बेल मेटल शिल्प कला के क्षेत्र में नेशनल अवार्ड के लिए चयनित किया गया है व साथ ही इसके पूर्व भी इनके पति मिनकेतन बघेल को भी बेल मेटल शिल्प कला के क्षेत्र में महारत हासिल किए हुए हैं जो ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं वरन पूरे भारत देश के अलावा विदेश में भी सारंगढ़ बिलाईगढ जिला का मान बढ़ाते हुए अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके पूर्व भी हीराबाई झरेका बघेल को बेलमेटल शिल्प कला के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा वर्ष 2011-12 में पुरुस्कृत किया गया जा चुका है। इनके पति मिनकेतन को भी वर्ष 2006-07 में छत्तीसगढ़ के तात्कालिक राज्यपाल व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के द्वारा सम्मानित किया गया था व साथ ही प्रशासनिक खर्चें पर ही वर्ष 2018 और 2022 में विदेश यात्रा कर छत्तीसगढ़ की बेल मेटल शिल्प कला का बखूबी प्रदर्शन किया गया है। पुरस्कार के लिए चयनित शिल्पी हीराबाई झरेका बघेल ने कहा कि मेरे पिता व पति ही मेरी प्रेरणास्रोत है। कला के क्षेत्र में मुझे मेरे पिता भुलाऊ झरेका जो कि मेरे लिए प्रेरणा है व मेरे को जो आज राष्ट्रीय स्तर पर पुरुस्कार मिल रहा है। उसका श्रेय मेरे पिता जी को जाता है क्योंकि उन्ही के द्वारा मुझे ढोकरा बेल मेटल शिल्प कला को सिखाया गया है। वहीं इस ओर आगे बढ़ने के साथ ही ही कुछ नया करने व आगे बढ़ने की प्रेरणा विवाह के बाद शुरू से ही मुझे मेरे पति मिनकेतन बघेल प्रेरित करते रहे हैं, जिससे मुझे यह गौरव प्राप्त हुआ है।

तात्कालिक एसडीएम अनिकेत साहू व सचिव बलभद्र पटेल का रहा विशेष सहयोग : हीराबाई झरेका बघेल

ढोकरा बेल मेटल शिल्प कला के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ प्रदेश से एक मात्र चयनित हुई हीराबाई झरेका बघेल ने बताया कि इस अवार्ड के लिए कई तरह की प्रशासनिक कागजी कार्यवाही की जरूरत पड़ी, जिसमें मुझे सारंगढ़ के तात्कालिक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनिकेत साहू का विशेष सहयोग मिला व साथ ही मेरी जाति प्रमाण पत्र से लेकर अब तक मुझे व मेरे परिवार को ‌विशेष रुप से आज पर्यन्त तक मेरे ग्राम पंचायत बैगीनडीह के सचिव बलभद्र पटेल का सहयोग प्राप्त होता रहा है जिनके सहयोग के चलते ही मैं राष्ट्रीय स्तर पर पुरुस्कृत होने वाली हूं।

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