Friday, August 1

मध्य प्रदेश के भोपाल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. भोपाल पुलिस ने बीज प्रमाणीकरण विभाग में करीब चार महीने पहले हुए 10 करोड़ रुपए के गबन के मामले में बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने विभाग के एक चपरासी समेत कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर इस गबन को अंजाम दिया.
इसके साथ ही इस पैसे से करोड़ों की जमीन खरीदकर सरकारी योजना का लाभ लेने और योजना में मिलने वाली सब्सिडी हड़पने का प्लान भी बनाया था. हालांकि इससे पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 30 हजार रुपए का नकद इनाम देने की घोषणा की है.
दरअसल, 14 सितंबर 2024 को बीज प्रमाणीकरण अधिकारी सुखदेव प्रसाद अहिरवार ने कोतवाली थाने में शिकायती आवेदन देते हुए आरोप लगाया था कि इमामी गेट स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में विभाग की 10 करोड़ रुपए की एफडी तुड़वाकर उसकी रकम विभाग के चपरासी बीडी नामदेव के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई. साथ ही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक नोएल सिंह पर भी इसमें मिलीभगत का आरोप लगाया था. आवेदन के आधार पर पुलिस ने एसआईटी गठित कर जांच शुरू की. आरोपी चपरासी अपना मोबाइल बंद कर फरार हो गया. जब तक मामला सामने आया, तब तक आरोपी बैंक मैनेजर का भोपाल से तबादला भी हो चुका था. एसआईटी ने जब इस मामले में जांच का दायरा बढ़ाया, तो कई चौंकाने वाले खुलासे होने लगे. इस पूरे गबन मामले में विभाग के चपरासी और बैंक मैनेजर के अलावा 8 अन्य आरोपी भी शामिल थे.
इस तरह गबन को दिया अंजाम
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के चपरासी बिजेंद्र दास नामदेव (बीडी नामदेव) ने अपने विभाग के साथी लेखा सहायक के पद पर कार्यरत दीपक पंथी के साथ मिलकर विभाग से जुड़े फर्जी दस्तावेज और सील तैयार की. इसके बाद बैंक मैनेजर नोएल सिंह से मिलीभगत कर बीज प्रमाणीकरण विभाग की 10 करोड़ रुपए की एफडी तुड़वाई और उसकी रकम बीडी नामदेव के खाते में ट्रांसफर कर ली. हैरानी की बात तो यह है कि विभाग के चपरासी, लेखा सहायक और बैंक मैनेजर ने मिलकर जो फर्जी दस्तावेज तैयार किए, जिसमें विभाग की फर्जी सील और विभागाध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर से कागजातों में चपरासी की जगह बीडी नामदेव को आहरण एवं संवितरण अधिकारी दर्शाया गया और बैंक में पड़ी 10 करोड़ रुपए की एफडी को तोड़कर 5-5 करोड़ रुपए के दो डिमांड ड्राफ्ट तैयार कर लिए गए.
इसके बाद एमपी नगर क्षेत्र की एक निजी बैंक के सीनियर सेल्स मैनेजर धनंजय गिरी से मिलीभगत कर चपरासी बीडी नामदेव को बीज प्रमाणीकरण अधिकारी दर्शाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिना किसी सत्यापन के एमपी नगर की ही बैंक में खाता खुलवाया गया. इसके बाद 10 करोड़ रुपए के डिमांड ड्राफ्ट की रकम इस खाते में ट्रांसफर कर दी गई. यहां से यह रकम 50 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई, जिसमें एक आरोपी शैलेंद्र प्रधान ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पहले फर्जी फर्म तैयार कर ये बैंक खाते खुलवाए. फिर इन बैंक खातों में 10 करोड़ रुपए की यह रकम पहुंचाई गई. जिन लोगों के नाम पर बैंक खाते थे, उन्होंने अपना कमीशन काटकर आरोपियों को नकद पैसे दिए.
आरोपियों की योजना सिर्फ पैसे गबन करने की नहीं थी. आरोपियों ने 10 करोड़ रुपये से 6 करोड़ 40 लाख रुपये और 1 करोड़ 25 लाख रुपये की दो जमीन खरीदी. योजना के मुताबिक, आरोपी राष्ट्रीय पशुपालन योजना के तहत खरीदी गई जमीन पर 5-5 एकड़ के 3 अलग-अलग प्रोजेक्ट शुरू करने वाले थे, क्योंकि इस सरकारी योजना के तहत एक प्रोजेक्ट में 5 करोड़ रुपये तक के लोन का प्रावधान है, जिसमें लोन पर सरकार की तरफ से 50% सब्सिडी भी मिलती है. इस तरह आरोपी बीज प्रमाणीकरण संस्थान से गबन किए गए 10 करोड़ रुपये को पशुपालन इकाई में निवेश करके योजना में मिलने वाली 50% सब्सिडी हड़पने वाले थे.
ऐसे पकड़े गए आरोपी
इस मामले में केस दर्ज होने के बाद आरोपी बीडी नामदेव और नोएल सिंह की एसआईटी टीम ने तलाश की, लेकिन दोनों ने अपने फोन बंद कर लिए और परिवार के साथ फरार हो गए. जांच के दौरान बीज प्रमाणीकरण संस्था, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और एमपी नगर के यस बैंक से इस मामले से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई. इसमें मध्य प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था के लेखा सहायक दीपक पंथी की संलिप्तता पाई गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
दीपक से पूछताछ और जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर यस बैंक शाखा एमपी नगर के सीनियर सेल्स मैनेजर धनंजय गिरी और शैलेंद्र प्रधान की भी मिलीभगत सामने आई, जिसके बाद इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. मामले में आरोपियों द्वारा यस बैंक के खाते से 10 करोड़ रुपए की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई थी, इसलिए संबंधित खातों को होल्ड कर दिया गया था. इस दौरान खाताधारक राजेश शर्मा और पीयूष शर्मा की संलिप्तता सामने आई. (aajtak.in)

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
Exit mobile version