रायपुर: छत्तीसगढ़ में हजारों बीएड सहायक शिक्षकों के भविष्य पर संकट गहरा गया है। उच्च न्यायालय ने 10 दिसंबर को दिए एक फैसले में डीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद के लिए उपयुक्त मानते हुए बीएड धारकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया। इस आदेश से प्रभावित 2897 शिक्षक, विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों से आए हुए, रायपुर के माना तूंता धरना स्थल पर अपनी नौकरी बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षकों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सामूहिक मुंडन कराया था। इसके बाद, कुछ शिक्षकों ने पानी में खड़े होकर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। बीते चार दिनों से कई शिक्षक ठंड के बावजूद पानी में डटे हुए हैं, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी है।स्थानीय प्रशासन को जैसे ही शिक्षकों की खराब स्वास्थ्य की जानकारी मिली, अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन समाप्त करने की अपील की। लेकिन प्रदर्शनकारी किसी बड़े जनप्रतिनिधि से मिलने की अपनी मांग पर अड़े रहे।शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। यह विरोध प्रदर्शन उनके भविष्य की सुरक्षा और अधिकारों की लड़ाई का हिस्सा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बयान दिया कि बीएड धारकों का समायोजन संभव है और डीएड धारकों को अन्य पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। हालांकि, शिक्षकों को न्याय दिलाने के लिए अभी ठोस कदम उठाए जाने बाकी हैं।
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