रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा एवं प्रदेश प्रवक्ता बी.पी.शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण चरम पर है, प्रतिदिन हजारों नागरिक संक्रमित हो रहे हैं. अपने शासकीय दायित्वों का क्रियान्वयन करते करते कर्मचारी-अधिकारी भी कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं. यही ही नहीं अपने शासकीय दायित्वों का निर्वहन करते करते कर्मचारी अधिकारी अपने प्राणों की आहुति भी दे रहे हैं. कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने विशेष अनुग्रह राशि का प्रावधान कर्मचारी अधिकारियों के लिए किया है लेकिन खेद का विषय है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसी किस्म की अनुग्रह राशि का प्रावधान नहीं किया गया है. कोविड-19 संक्रमण से डॉक्टर, स्टाफ नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, शिक्षक, पटवारी, राजस्व निरीक्षक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, लिपिक सहित अन्य विभागों के कार्यरत कर्मचारियों की असामयिक की मृत्यु भी हो रही है.
शासकीय सेवकों के घर उजड़ रहा है, उनके परिवार के बच्चे अनाथ हो रहे हैं. घर के सहारा गुजरने के बाद उनका घर कैसे करेगा यह ज्वलंत प्रश्न है. ऐसे समय में सरकार को कोरोना वारियर्स के साथ खड़ा होना चाहिए. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री निवास में दिनांक 2 अगस्त 2020 को संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से मुलाकात कर राजस्थान सरकार की भांति राज्य कर्मचारियों की मृत्यु पर 50 लाख अनुग्रह राशि स्वीकृत करने तथा पीड़ित परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति हेतु आग्रह किया था. मुख्यमंत्री के द्वारा इस विषय को गंभीरता से लेते, मांग पर संवेदनशीलता दिखाते हुए आश्वस्त किया गया कि यदि ऐसा कोई अवसर आता है तो हमारी सरकार अन्य राज्य सरकारों से अधिक कर्मचारियों के लिए करेगी. उनके इस कथन का प्रदेशभर के कर्मचारियों ने स्वागत किया था लेकिन इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा कोई आदेश जारी नहीं करने से कर्मचारियों में हताशा है. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा सहित समस्त पदाधिकारियों एवं फेडरेशन में शामिल समस्त प्रांत अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पुन: राज्य शासन से कोरोना संक्रमित शासकीय सेवक के आकस्मिक निधन पर 50 लाख अनुग्रह राशि एवं शासकीय सेवक के आश्रित परिवार के एक व्यक्ति को योग्यता अनुसार शासकीय सेवा में उपयुक्त पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने आदेश जारी कराने की मांग की है. कर्मचारी नेताओं को उम्मीद है कि राज्य शासन इस न्यायोचित मांग पर संज्ञान लेते हुए शीघ्र आदेश जारी करेगी.
