0 दलितों के प्रति भाजपा का रवैय्या खतरनाक
0 77 भाजपा के दलित सांसद अपनी जवाबदेही तय करें
राजनांदगांव। प्रदेश कांग्रेस के नेता आफताब आलम ने एक बयान में कहा कि भाजपा ने सीएए और एनआरसी लागू कर जहां देश के जीवित नागरिकों का मौलिक अधिकार एवं नागरिकता छीनने का प्रयास किया है, वहीं हाल ही में घटित हाथरस घटना में मृत युवती के दाह संस्कार के मौलिक अधिकार का हनन किया है। यह भारतीय इतिहास में पहली घटना है कि एक प्रता?ित युवती जिसे इंसाफ मिलना चाहिए था, उसे न्याय तो दूर उसके अंतिम संस्कार का अधिकार परिवार से छीन लिया गया। यह संपूर्ण मानव जाति के लिए शर्मनाक घटना है। श्री आलम ने कहा कि गंभीर से गंभीर अपराध किए व्यक्ति को फांसी दी जाती है, तो उसके उपरंात भी अंत्येष्टि के लिए देह को परिजनों का सौंप दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस राजनीतिक सत्ता गंवाने की खौफ से यह कृत्य किया गया है। यह इस बात से स्पष्ट होता है कि पूरे आपराधिक घटनाक्रम में प्रदेश सरकार एवं उनके मुखिया की संलिप्तता है। श्री आलम ने कहा कि केंद्र और विशेषकर जिन राज्यों में भाजपा सत्तारूढ़ हुई है, वहां दलितों के साथ अत्याचार और प्रताडऩा की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। दलितों के प्रति भाजपा का रवैय्या अति संदेहास्पद एवं खतरनाक है। यह इस बात का द्योतक है कि हाल ही में देश के भावनाओं के अनुरूप दोबारा वृहद रूप से आयोजित राम मंदिर भूमिपूजन में देश के राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह दलित वर्ग से है, जबकि देश के प्रधानमंत्री एवं उक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री की सहभागिता प्रमुख रूप से थी। बात यदि संवैधानिक रूप से भूमिपूजन की थी तो देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति के करकमलों से होना था। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर-प्रदेश में हाथरस घटना के कवरेज के लिए गए मीडियाकर्मियों को भी सरकार ने निशाना बनाया। श्री आलम ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं श्रीमती प्रियंका गांधी यदि उस परिवार के साथ जान जोखिम में डालकर मदद के लिए आगे नहीं आते तो यह निश्चित है कि पूरे घटनाक्रम पर सुनियोजित तरीके से पर्दा डाल दिया जाता। उन्होंने कहा कि भाजपा के 77 दलित सांसदों को ऐसे संवेदनशील मुद्धों पर अपनी जवाबदेही तय करना चाहिए।
