Thursday, December 11

बसंत पंचमी का त्योहार माघ महीने की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत पंचमी का त्योहार माता सरस्वती को समर्पित है। इस दिन देवी सरस्वती की विधिवत रुप से पूजा की जाती है। इस बार 2 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिल पीले वस्त्र पहने जाते हैं और माता सरस्वती को पीले रंग का भोग अर्पित किया जाता है।
बसंत पंचमी भोग रेसिपी

जोरा इलिश

बंगाली समुदाय, विशेष रूप से पूर्वी बंगाल में, मां सरस्वती को जोरा इलिश (हिल्सा मछली का एक जोड़ा) चढ़ाना एक आम परंपरा है। “मछली की रानी” के नाम से मशहूर हिल्सा मछली को धन और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। मछली को आमतौर पर हल्दी और सरसों के तेल से लेपा जाता है, फिर हल्के मसालों के साथ धीरे-धीरे पकाया जाता है। बंगाली लोगों का मानना ​​है कि जोरा इलिश चढ़ाने से उनके घरों में समृद्धि और आशीर्वाद आता है।

बूंदी के लड्डू

उत्तर भारत में बसंत पंचमी के दौरान बूंदी के लड्डू जरुर चढ़ाए जाते हैं। माता सरस्वती को बूंदी के लड्डू को भोग अर्पित कर सकते हैं। बूंदी के लड्डू बनाने के लिए आप बेसन के घोल को छोटी-छोटी बूंदों (बूंदी) में तलकर बनाएं, जिन्हें बाद में चीनी की चाशनी में लपेट दें। इसके बाद इन्हें लड्डू की आकार में बना लें। माता सरस्वती को बूंदी के लड्डू अति प्रिय है।

गुड़ वाले चावल

गुड़ चावल या मीठे चावल भी कहा जाता है। यह मिठाई बसंत पंचमी के दौरान बनाई जाती है। गुड़ वाले चावल को बनाने के लिए आप बासमती चावल को गुड़, घी, केसर, सौंफ और नारियल के बुरादे के साथ पकाकर बना लें। डिश को सुनहरा रंग दें। यह डिश त्योहार की पीली थीम के साथ बिल्कुल फिट बैठता है। गुड़ वाले चावल एक आरामदायक और स्वादिष्ट पकवान है जिसका आनंद भक्त और देवी दोनों उठाते हैं। माता सरस्वती को भी गुड़ वाले चावल काफी पसंद है।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Exit mobile version