Monday, May 19

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा में प्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा, शिक्षा व्यवस्था और मछली पालन योजनाओं को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने बस्तर संभाग के बीजापुर में दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या का मुद्दा उठाते हुए सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा नीति पर जवाब मांगा। इसके साथ ही, उन्होंने नए स्कूलों की स्थापना और शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी भी मांगी।

पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल
विधायक बोहरा ने पूछा कि बस्तर संभाग (बीजापुर) के दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार की क्या नीति है? क्या दुर्घटनाओं में पंजीकृत पत्रकारों को मुआवजा या चिकित्सा सहायता का प्रावधान है? इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखित उत्तर में बताया कि छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा अधिनियम-2023 प्रक्रियाधीन है। जनसंपर्क विभाग में पत्रकारों का पंजीकरण नहीं किया जाता। हालांकि, छत्तीसगढ़ संचार प्रतिनिधि कल्याण सहायता नियम-2019 के तहत पत्रकारों और उनके परिवारों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 10,000 से 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। पत्रकार की असामयिक मृत्यु होने पर परिवार को 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है।

शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा
भावना बोहरा ने पूछा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में कितने नए स्कूल स्वीकृत हुए हैं और प्रदेश में स्कूल ड्रॉपआउट दर कितनी है? मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस वित्तीय वर्ष में 16 नए प्राथमिक स्कूल स्वीकृत हुए हैं। नीति आयोग के अनुसार, छत्तीसगढ़ की शिक्षा रैंकिंग “आकांक्षी एक” श्रेणी में 521-580 के बीच है। यूडाईस डेटा 2023-24 के मुताबिक, प्राथमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर 1.8%, उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.3% और हाईस्कूल स्तर पर 16.3% है।

मछली पालन को बढ़ावा देने की योजनाएं
मछली पालन योजनाओं के तहत मिलने वाली सहायता पर सवाल उठाते हुए विधायक बोहरा ने पूछा कि कबीरधाम जिले में अनुसूचित जाति और जनजाति के कितने किसानों को अनुदान मिला है। मुख्यमंत्री ने उत्तर दिया कि सरकार 10 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए 1250 रुपये प्रति हितग्राही, 3 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए 1000 रुपये प्रति हितग्राही और अध्ययन भ्रमण के लिए 2500 रुपये प्रति हितग्राही अनुदान देती है। पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों को तीन वर्षों में 3 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है।

मत्स्य बीज संवर्धन योजना में प्रति हितग्राही 40,000 रुपये, फुटकर मछली विक्रय योजना में 6,000 रुपये, मत्स्याखेट उपकरण सहायता में 10,000 रुपये और झींगा सह मछली पालन के लिए 15,000 रुपये की सहायता का प्रावधान है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत कुल 9 योजनाएं संचालित हो रही हैं। कबीरधाम जिले में अनुसूचित जाति के 96 किसानों और अनुसूचित जनजाति के 253 किसानों को कुल 186.19 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।

विधानसभा में विधायक भावना बोहरा द्वारा उठाए गए इन सवालों के जवाब से प्रदेश की पत्रकार सुरक्षा, शिक्षा और मछली पालन योजनाओं पर सरकार की स्थिति स्पष्ट हुई है।

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