Monday, May 19

बिलासपुर. कोनी थाना क्षेत्र के तुर्काडीह गांव में एक शादी समारोह के बाद फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आया है. रात को खाना खाने के बाद सुबह छोटे बच्चों से लेकर युवा व बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ने लगी. खाना खाने के बाद 45 लोगों ने उल्टी दस्त होने की शिकायत की. सभी बीमारों को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर भोजन के सैंपल जांच के लिए एकत्र किए हैं. फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है. आज सुबह से फूड पॉइजनिंग का यह दूसरा मामला सामने आया है. कोरबा में भी शादी समारोह का खाना खाने के बाद 50 लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए.
सिम्स के डॉक्टरों ने बताया कि कि कोनी क्षेत्र के तुर्काडीह के सतनामीपारा निवासी नीरज सांडे अपनी बेटी का विवाह कर रहे हैं. बहुत सारे मेहमान आए हुए हैं. 23 अप्रैल की रात तीन अलग-अलग गंजे में चावल, सब्जी व दाल बनाया गया था. सभी रिश्तेदारों ने भोजन किया और उसके बाद सोने चले गए. गुरुवार की सुबह सभी की तबीयत बिगड़ने लगी. पहले परिजन तो स्थानीय डॉक्टर से दवाई लेकर सभी को दिया गया. इसके बाद पीड़ितों की संख्या बढ़ते-बढ़ते 45 तक पहुंच गई तो सभी को सिम्स के मेडिकल वार्ड में भर्ती कराया गया.

बताया जा रहा है कि तीन गंज के चावल में से एक गंज का चावल खराब था. दो गंजे में बनाए गए चावल को खाने वाले सब ठीक है. तीसरे गंज के चावल को खाने वालों की तबीयत बिगड़ी है. सिम्स में अमरीका सेंडे (36) तिलक बाई (40), मधु (24), दिशा (18), ईशा (17), रुपा (45), रंजिता कुरें (30), शाहिल (14), चंदन, रानी (13), जगेश्वरी (28), गंगा बाई (30), आशा बाई (24), सोनिया (16), (13), निखिल पाटले (15), सनम (05), लक्ष्मन (11), अमर कुमार (03), अरून कुमार (12), अंश (06), आद्या (02), हर्ष (11), प्रिमु (10) जगेश्वर बंजारे बीमार हैं. इसमें जागेश्वर की हालत नाजूक है. उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है. सभी मरीजों को मुफ्त में दवाई दी जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग सतर्क, जांच शुरू

फूड सेफ्टी अधिकारियों ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि किस खाद्य पदार्थ में गड़बड़ी थी. वहीं, तुर्काडीह गांव में स्वास्थ्य विभाग की निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि किसी अन्य को संक्रमण का खतरा न हो.
गर्मी में फूड पॉइजनिंग का बढ़ता है खतरा

बता दें, गर्मी का मौसम न केवल तापमान बढ़ाता है, बल्कि फूड पॉइजनिंग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी लाता है. उच्च तापमान में बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव तेजी से पनपते हैं, जो खासकर बाहर के खाने और दूषित पानी के जरिए भोजन को संक्रमित करते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल लगभग 60 करोड़ लोग खानपान से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं. छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं.
कौन से बैक्टीरिया हैं जिम्मेदार?

फूड पॉइजनिंग के अधिकांश मामलों में ई. कोलाई, स्टेफायलोकोकस, सालमोनेला और क्लॉसट्रिडियम बोट्यूलिनम जैसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं. इनमें क्लॉसट्रिडियम बोट्यूलिनम सबसे खतरनाक है, जो ब्लड, किडनी और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है.
फूड पॉइजनिंग के प्रमुख कारण

दूषित पानी से फसलों की सिंचाई.
शौच के बाद हाथ न धोना.
गंदे बर्तनों का उपयोग.
डेयरी उत्पादों को कमरे के तापमान पर रखना.
फ्रोजन फूड्स का सही स्टोरेज न करना.
सब्जियों और फलों को बिना धोए उपयोग करना.
नॉनवेज फूड्स को अधपका खाना.
अशुद्ध पानी का सेवन.

बचाव के उपाय

गर्मियों में फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. खाने से पहले फल-सब्जियों को अच्छी तरह धोएं, शुद्ध पानी पिएं, और बाहर के खाने से परहेज करें. खाद्य पदार्थों को सही तापमान पर स्टोर करें और बर्तनों की नियमित सफाई करें. सतर्कता ही इस मौसम में आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है.

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
Exit mobile version