Sunday, May 18

मौसम विभाग ने रविवार को अनुमान जताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून इस साल 27 मई को केरल पहुंच सकता है। आमतौर पर यह 1 जून के आसपास केरल में दस्तक देता है, लेकिन इस बार इसके जल्दी पहुंचने की संभावना है। अगर ऐसा होता है, तो यह 2009 के बाद सबसे जल्दी मानसून का आगमन होगा। 2009 में मानसून 23 मई को पहुंचा था।

इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश की उम्मीद
मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल भारत में मानसून के दौरान सामान्य से ज्यादा (करीब 105%) बारिश हो सकती है। यह औसतन 87 सेंटीमीटर से ऊपर होगी। अल-नीनो प्रभाव के बावजूद बारिश बेहतर रहने की संभावना जताई गई है।

मानसून का सफर और असर
सामान्यत: मानसून 1 जून को केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है।
17 सितंबर से यह उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक विदा हो जाता है।

इस बार 13 मई को ही दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है, जो सामान्य से एक हफ्ता पहले है।

खेती और अर्थव्यवस्था पर असर
भारत की 42% आबादी कृषि पर निर्भर है, और कृषि का देश की GDP में 18% योगदान है। मानसून न केवल खेती, बल्कि जलाशयों और बिजली उत्पादन के लिए भी अहम भूमिका निभाता है।

मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि केरल में मानसून के जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब पूरे देश में ज्यादा या कम बारिश होना नहीं होता—इसके पीछे कई जटिल कारण होते हैं।

WhatsAppFacebookTelegramGmailShare
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
Exit mobile version