भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनने के बाद रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से लगे अन्य इलाकों में काफी हद तक शांतिपूर्ण रही. जो हाल के 19 दिनों में पहली शांतिपूर्ण रात थी, जब सीजफायर उल्लंघन या किसी भी तरह की हिंसक घटना की कोई खबर नहीं आई. खास तौर पर पुंछ जिले के सुरनकोट जैसे इलाकों से, जहां बीते दिनों भारी गोलीबारी हुई थी. इसके बाद लोगों ने इस इलाके को छोड़ दिया था.
पहलगाम हमले के बाद पहली शांत रात
दरअसल, पहलगाम में हुए हमले के बाद पिछले 19 दिनों में यह पहली बार था, जब रात पूरी तरह शांतिपूर्ण रही. इस दौरान किसी भी तरह का सीजफायर उल्लंघन या हिंसक घटना नहीं हुई.
इससे पहले 23 अप्रैल से 6 मई तक नियंत्रण रेखा के विभिन्न सेक्टरों में छोटे हथियारों से गोलीबारी की घटनाएं दर्ज की गई थीं. इसके बाद 7 से 11 मई तक पाकिस्तान की ओर से भारी तोपखाने और छोटे हथियारों से गोलीबारी की खबर सामने आई थीं. हालांकि, 11 मई की रात शांति के साथ बीती, जिसने क्षेत्र में तनाव कम होने का संकेत दिया है.
सीजफायर समझौते का असर
सीजफायर समझौते के बाद बीती रात नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास शांति बनी रही. पुंछ जो अक्सर गोलाबारी और सीजफायर उल्लंघन का केंद्र रहा है, वहां भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.
साथ ही दो दिन पहले सुरनकोट इलाके में भारी गोलाबारी हुई थी, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई और लोग शहर छोड़कर पास के पहाड़ी गांवों और बंकरों में शिफ्ट हो गए, जबकि अन्य लोगों ने जम्मू के सुरक्षित इलाके में चले गए. लोगों के विस्थापित होने से ये शहर वीरान हो गया था.
लोगों के घर लौटने की उम्मीद
वहीं, हालातों में सुधार के बाद अब कई परिवार अपने घरों की ओर लौटने की तैयारी कर रहे हैं. पुंछ, सुरनकोट और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की अब धीरे-धीरे वापस अपने घर लौटने की उम्मीद है.