Thursday, December 11

रायपुर जिले के सभी निजी स्कूल अब छात्रों को प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें नहीं पढ़ा सकेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने इस संबंध में महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए निजी प्रकाशकों की पुस्तकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश के मुताबिक, अब केवल SCERT और NCERT की किताबों से ही पठन-पाठन कराया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।


ये हैं आदेश की मुख्य बातें:
छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में सिर्फ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकें लागू होंगी।
स्कूल प्रबंधन पालकों को निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
जिस बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, उसका नाम स्कूल के मुख्य द्वार पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
जूते, मोजे, टाई, बेल्ट जैसी सामग्री स्कूल परिसर में बेचना प्रतिबंधित किया गया है।
पालकों को किसी विशेष दुकान से सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
स्कूल बस सेवा “ना लाभ, ना हानि” के सिद्धांत पर संचालित होनी चाहिए।

स्कूलों को शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में नोडल प्राचार्य के माध्यम से DEO कार्यालय में प्रमाण-पत्र जमा करना होगा, जिसमें यह पुष्टि हो कि वे सभी नियमों का पालन कर रहे हैं।

निजी स्कूल संघ ने जताई आपत्ति


छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने इस आदेश पर आपत्ति जताई है। अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिखकर कहा कि निजी प्रकाशकों की किताबों के उपयोग को लेकर उच्च न्यायालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि यदि कोई अशासकीय विद्यालय वैकल्पिक किताबों से बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा दे रहा है, तो उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक SCERT की निःशुल्क किताबें स्कूलों को पूरी तरह उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
क्या असर पड़ेगा?
इस आदेश से रायपुर जिले के सैकड़ों निजी स्कूलों की किताबें और व्यवस्थाएं बदलनी होंगी। जहां एक ओर यह कदम अभिभावकों पर आर्थिक बोझ घटाने और शिक्षा में एकरूपता लाने की मंशा से लिया गया है, वहीं दूसरी ओर इससे स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव की स्थिति भी बन सकती है।

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