अमलेश्वर (तर्रा)। रविवार 25 अक्टूबर को बहुत से जगहो पर असत्य पर सत्य की जीत बुराई पर अच्छाई की जीत का महापर्व विजयादशमी पूरे भारत देश में धूमधाम के साथ मनाया गया। कुछ-कुछ जगहों पर यह पर्व 26 अक्टूबर को भी मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में पाटन क्षेत्र के बहुत ही शिक्षित और संगठित व आदर्श गाँव तर्रा में 25 अक्टूबर को दशहरा का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया गया। दशहरा पर्व के पूर्व आज भी हमारे देश और प्रदेश के बहुत से जगहों पर इस नवरात्रि पर्व पर हमारे हिंदू संप्रदाय के अधिकांश जगहों पर भी भगवान श्री रामचंद्र की लीला दिखाने का प्रचलन सदियों से चली आ रही है, दशहरा के दिन रावन के पुतले का दहण करते है। जहां पर अधिकांश जगह पर पुरुष वर्ग के लोग ही राम, लक्ष्मण, भरत शत्रुहण, हनुमान जी विभीषण, जामवंत, अंगद, सुग्रीव, बाली, नल, नील व माता सीता के साथ ही साथ अन्य पात्रों की भूमिका निभाते आ रहे हैं,। लेकिन इस तर्रा गांव में पिछले कुछ वर्षों से रामलीला में सभी पात्र नारी शक्ति (लड़की) ही निभाकर लीला दिखा रही हैं जिसकी प्रसिद्धि अब पूरे छत्तीसगढ़ में भी तेजी से फैल रही है। स्त्री भी अब पहले जैसे अबला नहीं सर्वशक्तिमान सबला है जो हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भी अपनी भागीदारी बखूबी निभाते आ रही है। आज हमारी बेटी चाहे शिक्षा के क्षेत्र में हो चाहे बैंकिंग के क्षेत्र में हो चाहे स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो राजनीति एवं अन्य सामाजिक गतिविधियों के साथ ही आज हमारी बेटी हमारे देश के तीनों सेना जल, थल एवं आकाश में भी वायुसेना के रूप में अपनी साहसिक योग्यता का परचम लहरा रही है। लीला मंडली की संचालिका सुश्री संतोषी तिवारी ने बताया कि आज हमारे बेटी जब जीवन के हर क्षेत्र में अपनी संपूर्ण भागीदारी इमानदारी पूर्वक निभा रही है तो हम कला के क्षेत्र में भी पीछे क्यों रहे, इन्हीं भावनाओं को समझ कर आज हम अपने गांव में भगवान श्री रामचंद्र की लीला लोगों को दिखा रहे हैं और भगवान श्री रामचंद्र जी के पद चिन्ह आदर्शों सत्य, प्रेम अहिंसा, इमानदारी के मार्गों पर भी लोगों को चलने के लिए प्रेरित कर रहे है। इसी के साथ ही संतोषी ने बताया कि आज हमारे तर्रा गांव की बहुत से बेटी भी शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में व्याख्याता जैसे पदों पर आसीन होकर सरकारी सेवा में भी अपनी योग्यता का परचम लहरा रही हैं। लीला मंडली में सुश्री संतोषी तिवारी रावन की भूमिका निभा रही हैं, सहायक विदुषक-रानी यादव, भगवान श्रीराम-कुमारी निकिता सेन, लक्ष्मण-शिवानी चंद्राकर, विभीषण-वर्षा सेन अंगद-गोल्डी चंद्राकर, हनुमान-कोशिका चंद्राकर सहित अन्य महिला पात्र शामिल हैं। सभी महिला पात्रों ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पधारकर इस धार्मिक लीला का आनंद लेने की अनुरोध किये है। साथ ही लोगों से मास्क लगाकर आने के साथ ही सामाजिक दूरी सोशल डिस्टेंस का भी पालण करने कहा है। लीला स्थल में ही मंच के माध्यम से लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जन जागरण का संदेश भी दिये गये।
नारी शक्ति : इस गांव में रामलीला के सभी पात्रों को महिलाओं ने बखूबी निभाया
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