हर साल 1 अगस्त को ओरल हाइजीन डे के रूप में मनाया जाता है ताकि मौखिक स्वच्छता और दांतों की सेहत के महत्व को उजागर किया जा सके। इस अवसर पर वरिष्ठ डेंटल विशेषज्ञ डॉ. एम.एस. नवाज ने मौखिक स्वच्छता और डेंटल ब्रेसेस (ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट) को लेकर अहम जानकारी साझा की।
क्यों जरूरी है सीधी मुस्कान और स्वस्थ दांत?
डॉ. नवाज के मुताबिक, दांत सिर्फ भोजन चबाने के लिए नहीं, बल्कि चेहरे की सुंदरता, आत्मविश्वास और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी हैं। टेढ़े-मेढ़े, असमान या भीड़भाड़ वाले दांत न केवल खाने और बोलने में परेशानी पैदा करते हैं, बल्कि कैविटी, मसूड़े की बीमारी और सांस की समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
उन्होंने कहा, “मिसअलाइनमेंट से दांतों की सफाई ठीक से नहीं हो पाती, जिससे दांतों में भोजन फंसा रह जाता है और बैक्टीरिया पनपते हैं। इसका सीधा असर शरीर की अन्य बीमारियों पर भी पड़ता है।”
क्या है डेंटल ब्रेसेस और कैसे करते हैं काम?
ब्रेसेस एक मेडिकल ट्रीटमेंट है, जो दांतों को धीरे-धीरे उनकी सही स्थिति में लाता है। इसके तहत दांतों पर ब्रैकेट लगाए जाते हैं, जो तारों के ज़रिए दांतों को खींचते हैं और सही पोजीशन में लाते हैं।
यह प्रक्रिया तीन चरणों में होती है:
लेवलिंग और अलाइनमेंट – शुरुआती महीनों में।
स्पेस क्लोजिंग – बीच के महीनों में।
फिनिशिंग और डिटेलिंग – अंतिम महीनों में।
इलाज पूरा होने के बाद रिटेनर लगाया जाता है ताकि दांत दोबारा टेढ़े न हो।
ब्रैसेस किस उम्र में लगवाना सही?
ब्रेसेस के लिए 12 से 18 साल की उम्र सबसे बेहतर मानी जाती है, क्योंकि इस समय हड्डियों का विकास चल रहा होता है और दांत जल्दी सेट हो जाते हैं। हालांकि, यह इलाज किसी भी उम्र में किया जा सकता है।
ब्रेसेस लगाने के फायदे
बेहतर ओरल हाइजीन
साफ और संतुलित मुस्कान
आत्मविश्वास में बढ़ोतरी
पाचन में सुधार
उच्चारण और सांस लेने में आसानी
चेहरे की बनावट में संतुलन
टेढ़े-मेढ़े दांत क्यों होते हैं?
आनुवांशिक कारण
जबड़े का असंतुलन
दूध के दांतों का समय से पहले गिरना
अंगूठा चूसने की आदत
जबड़े या चेहरे की चोट
गलत पोषण या मुंह की साफ-सफाई की कमी
इलाज के दौरान क्या रखें सावधानी?
हर भोजन के बाद ब्रश करना
सख्त और चिपचिपा भोजन से बचना
नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराना
खेलते समय माउथगार्ड पहनना
डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना
ब्रेसेस नहीं लगवाने पर क्या हो सकता है?
डॉ. नवाज ने चेताया कि टेढ़े-मेढ़े दांत अगर समय रहते ठीक न किए जाएं, तो यह सिर्फ सौंदर्य की नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की गंभीर समस्या बन सकते हैं। खराब ओरल हाइजीन से बैक्टीरिया हृदय और फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं, जिससे निमोनिया, ब्रोंकाइटिस या हार्ट डिजीज जैसी जानलेवा स्थितियां बन सकती हैं।
अंत में: मुस्कान ही आपकी पहचान है
डॉ. नवाज कहते हैं, “एक सुंदर मुस्कान आत्मविश्वास का आईना होती है। अगर आपके दांत आपके व्यक्तित्व को पीछे खींच रहे हैं, तो अब वक्त है ऑर्थोडोंटिक इलाज की मदद लेने का।”
ओरल हाइजीन डे पर यह संदेश खास है — दांत सिर्फ दिखने के लिए नहीं, आपकी सेहत और आत्मसम्मान की चाबी हैं। उन्हें नजरअंदाज न करें, वक्त रहते डॉक्टर से मिलें और ब्रेसेस की मदद से नई मुस्कान पाएं। – डॉ. एमएस नवाज

