Monday, December 8

नई दिल्ली । 2008 मालेगांव बम धमाकों से जुड़े बहुचर्चित मामले में 17 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार फैसला आ गया। विशेष एनआईए अदालत ने सबूतों के अभाव में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर सका।

एनआईए कोर्ट ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में फैसला सुनाया | श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के आवास में विस्फोटकों के भंडारण या संयोजन का कोई सबूत नहीं है। पंचनामा करते समय जांच अधिकारी द्वारा घटनास्थल का कोई स्केच नहीं बनाया गया था। घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या कुछ भी एकत्र नहीं किया गया था। नमूने दूषित थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक नहीं हो सकती और विश्वसनीय नहीं हैं। विस्फोट में कथित रूप से शामिल बाइक का चेसिस नंबर स्पष्ट नहीं था। अदालत ने कहा, अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि विस्फोट से ठीक पहले यह साध्वी प्रज्ञा के कब्जे में थी।

एनआईए कोर्ट ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में फैसला सुनाया। इस मामले में UAPA लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि नियमों के अनुसार मंज़ूरी नहीं ली गई थी। मामले में UAPA के दोनों मंज़ूरी आदेश दोषपूर्ण हैं। कोर्ट ने कहा इस पूरे मामले में भोपाल से बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। ये ब्लास्ट 29 सितंबर 2008 को हुआ था। कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि NIA तमाम आरोपों को साबित करने में नाकाम रही है। 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में रमजान के पवित्र महीने में और नवरात्रि से ठीक पहले एक विस्फोट हुआ। इस धमाके में छह लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

एक दशक तक चले मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों से पूछताछ की, जिनमें से 34 अपने बयान से पलट गए। शुरुआत में, इस मामले की जांच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने की थी। हालांकि, 2011 में एनआईए को जांच सौंप दी गई। 2016 में एनआईए ने अपर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कई अन्य आरोपियों को बरी करते हुए एक आरोप पत्र दाखिल किया था।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Exit mobile version