कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के मध्य कृषि जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु हुआ एमओयू
रायपुर – इदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर) रांची अब जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं फसल सुधार हेतु मिलकर कार्य करेंगे। इस संबंध में आज यहां कृषि विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान रांची के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। यह एमओयू मेटाबोलोमिक्स, जिनोमिक्स, जिनोम एडिटिंग और सूक्ष्मजीव अनुवांशिकी के क्षेत्र में विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों के आदान-प्रदान, प्रशिक्षण तथा अनुसंधान परियोजनाओं में साझेदारी हेतु किया गया है। इस समझौते के तहत दोनो संस्थानों के विद्यार्थी, वैज्ञानिक तथा प्राध्यापक एक दूसरे के संस्थानों में जा कर अनुसंधान एवं शैक्षिक गतिविधियों में साझेदारी करेंगे। यह अनुबंध समारोह इदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल तथा भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर) रांची के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
अनुबंध समारोह को संबोधित करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने उन्नत आणविक उपकरणों और क्षेत्रीय कृषि विशेषज्ञता के बीच सेतु निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान किया जा सके। उन्होने कहा कि यह एमओयू केवल एक समझौता नही है बल्कि यह एक जीवंत साझेदारी की शुरूआत है जो विज्ञान और समाज सेवा को एक साथ लाती है। हम ऐसे प्रभावशाली सहयोग की आशा करते है जो छात्रों को सशक्त बनाए, किसानों को लाभ पहुंचाए और कृषि नवाचार की सीमाओं को आगे बढाए। भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर) रांची के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित ने इस भागीदारी के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप प्रस्तुत किया। जिसमें नवाचार, संसाधनों की साझेदारी और संयुक्त क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया गया। एमओयू पर दोनों संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों द्वारा औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर उसका आदान-प्रदान किया गया।
आणविक जीव विज्ञान तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष, डॉ. जेनू झा ने अतिथियों का स्वागत किया और इस समझौते की एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। डॉ. एस.बी. वेरूलकर ने दोनों संस्थानों के बीच अनुसंधान सहयोग की संभावनाओं को सामने रखा। संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक त्रिपाठी तथा भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर) रांची की ओर से डॉ. वी.पी. भदाना और डॉ. के.के. कृष्णानी ने इस साझेदारी से मिलने वाले रणनीतिक अनुसंधान और शैक्षणिक समन्वय पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर इदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष तथा वैज्ञानिक एवं प्राध्यापकगण उपस्थित थे।
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जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा भारतीय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान
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