एक तरफ भारत वर्ष 2026 में भव्य ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की तैयारियों में जुटा है, तो दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस संगठन को लेकर आपा खोए हुए हैं। भारत, चीन, रूस और ब्राजील की तरफ से स्थपित इस संगठन को उन्होने फिर चेतावनी दी कि जो भी इसका सदस्य होगा, उस पर ज्यादा शुल्क लगाया जाएगा।

ट्रंप ने एक बार फिर इस संगठन पर डालर को कमजोर करने का आरोप लगाया है। जुलाई, 2025 में जब ब्राजील में इस संगठन का शिखर सम्मेलन हुआ था, उस समय ट्रंप ने इसके सदस्य देशों पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने का एलान किया था। इस संगठन के सदस्य रूस और ईरान के साथ अमेरिका के बेहद खराब रिश्त हैं, जबकि चीन, भारत और ब्राजील के खिलाफ सबसे ज्यादा शुल्क लगाया जा चुका है। अमेरिका में अर्जेटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिली के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि अगर कोई ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है तो हो जाए। लेकिन, हम उस देश पर ज्यादा शुल्क लगांएंगे।ट्रंप ने ब्रिक्स पर डालर को कमजोर करने का आरोप लगाया । ट्रंप और उनकी सरकार के कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्री पहले भी आरोप लगाते रहे हैं कि ब्रिक्स संगठन में अलग करेंसी चलाने की कोशिश हो रही है। हालांकि, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि ब्रिक्स की ऐसी कोई मंशा नहीं है। ब्रिक्स के सदस्य देश आपसी मुद्रा में कारोबार करने को बढ़ावा दे रहे है, लेकिन उनकी तरफ से किसी एक मुद्रा में कारोबार करने को लेकर कोई नीति नहीं है।