बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने में महज दो दिन शेष हैं, लेकिन विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में भ्रम की स्थिति शनिवार को भी समाप्त होती नहीं दिखी. यह बहुदलीय गठबंधन सीट बंटवारे की घोषणा न कर पाने के लिए ‘नए सहयोगियों को समायोजित करने’ की मजबूरी को जिम्मेदार ठहरा रहा है, लेकिन शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने इससे किनारा करते हुए घोषणा की कि वह बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगा और छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा.
गठबंधन में प्रमुख सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अब तक कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुका है जिसमें कई ऐसी सीट हैं, जहां उसने अपने ही सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रत्याशी उतार दिए हैं. लेकिन वह अब तक अपने प्रत्याशियों की एक समेकित सूची जारी नहीं कर पाया है.
कांग्रेस ने कुछ दिन पहले अपनी पहली सूची में 48 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे और शुक्रवार को एक और नाम का ऐलान किया था. अब उसने शनिवार देर शाम पांच और उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनमें किशनगंज सीट भी शामिल है. हालांकि कांग्रेस ने इस सीट से अपने मौजूदा विधायक इजहारुल हुसैन को टिकट न देकर एक दलबदलू नेता को मैदान में उतारा है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, सियासी बयानबाजी वैसे-वैसे तेज होती जा रही है. इतना ही नहीं कई सीटों पर टिकट बंटवारे को लेकर भी तनातनी देखने को मिल रही है. इस बीच मधुबन विधानसभा के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व प्रत्याशी मदन शाह का एक वीडियो खूब वायरल हो रही है. जिसमें वो लालू आवास के सामने फूट फूटकर रोते हुए नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अपना कुर्ता भी फाड़ लिया है .

