राजस्थान में पत्नी के प्रेमी की निर्मम हत्या पर मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने टिप्पणी की है. 7 साल तक चली सुनवाई के बाद मामले में जज ने अपराधी पर सख्त टिप्पणी की है, जज ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है साथ ही कहा कि तलाक ले सकते थे हत्या क्यों की.
जयपुर लोक अभियोजक मुकेश जोशी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मेट्रो द्वितीय की एससी-एसटी मामलों की विशेष अदालत ने पति को पत्नी के अवैध संबंधों के चलते उसके प्रेमी की हत्या करने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 55 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
अभियोजक ने आगे बताया कि आरोपी करण सिंह पंजाबी की शादी 2012 में हुई थी. शादी के पांच साल बाद, यानी 2017 में, उसकी पत्नी की दोस्ती दिल्ली के रहने वाले योगेश से हुई, जो जल्द ही अवैध संबंधों में बदल गई. जब करण सिंह को इस बात का पता चला, तो उसने योगेश से बदला लेने की ठान ली.
इसी मामले में विशेष न्यायाधीश राजेंद्र सिंह ने फैसला सुनाते हुए आरोपी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि आरोपी और मृतक योगेश की पत्नी के बीच अवैध संबंध थे, जिससे उनके बीच तनाव था. अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपी के पास अपनी पत्नी को तलाक देकर अलग रहने का कानूनी विकल्प था, लेकिन उसने कानूनी रास्ता चुनने के बजाय अपराध का रास्ता चुना और 21 दिसंबर 2021 को योजनाबद्ध तरीके से हत्या को अंजाम दिया.

