चीन ने अपनी सबसे उन्नत विमानवाहक पोत ‘फुजियान’ को आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल कर लिया हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद इस युद्धपोत का निरीक्षण किया। फुजियान चीन का तीसरा और अब तक का सबसे उन्नत विमानवाहक पोत हैं। यह पूरी तरह घरेलू तकनीक से बना हैं। इसमें इलेक्ट्रोमैग्रेटिक कैटापल्ट सिस्टम लगा हैं, जो फाइटर जेट को तेज गति से लॉन्च करने में सक्षम बनाता हैं। अब तक अमरीका ही इस तकनीक का इस्तेमाल करता था। इस पोत से तीन तरह के फाइटर जेट लॉन्च किए जा सकते हैं।

भारत की बढ़ सकती है चिंता
चीन का तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर, भारत के लिए भी चिंता का सबब बन सकता है. क्योंकि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. चीन के जंगी जहाज, सर्वे वेसल और पनडुब्बियां आए दिन हिंद महासागर में देखे जा सकते हैं. हाल ही में भारतीय नौसेना के वाइस चीफ (वाइस एडमिरल) संजय वात्स्यायन ने कहा था कि हिंद महासागर में चीन के जंगी जहाजों के दाखिल होने से लेकर एग्जिट होने तक पूरी तरह नजर रहती है.
भारत के पास दो विमानवाहक युद्धपोत
भारत के पास 02 विमानवाहक युद्धपोत हैं (आईएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य) . भारतीय नौसेना भी तीसरे एयरक्राफ्ट की मांग कर रही है लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली है.
कुछ वर्ष पहले तत्कालीन (अब स्वर्गीय) चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने ये कहकर नौसेना के तीसरे विमानवाहक युद्धपोत की उम्मीद पर पानी फेर दिया था कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह, नेवी के स्टेटिक (एक जगह खड़े रहने वाले) एयरक्राफ्ट कैरियर की भूमिका निभा सकता है. क्योंकि अंडमान निकोबार की हिंद महासागर में बेहद सामरिक लोकेशन है, जहां से चीन की समुद्री गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सकती है.