नई दिल्ली। केंद्रीय सरकार द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत उत्तर के अनुसार आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्रारंभ कर दी गई है। वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग द्वारा 03 नवम्बर 2025 को जारी संकल्प में आयोग के गठन तथा उसके कार्यक्षेत्र को अधिसूचित किया गया है। इस महत्वपूर्ण घोषणा ने देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और करोड़ों पेंशनर्स में नई उम्मीद जगाई है।
वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने सदन में बताया कि आठवाँ वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनरों के वेतन, भत्तों, पेंशन संरचना और अन्य सेवा शर्तों से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों का अध्ययन कर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। आयोग का उद्देश्य वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों, महंगाई के स्तर, कर्मचारियों और पेंशनरों की जीवन-यापन आवश्यकताओं तथा भविष्य की आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए समग्र और व्यावहारिक सुझाव देना है।
सरकार ने सदन में स्पष्ट किया कि वर्तमान में महँगाई भत्ता (डीए) तथा महँगाई राहत (डीआर) को मूल वेतन में विलय करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह जानकारी उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब महंगाई लगातार बढ़ रही है तथा पेंशनर्स और कर्मचारियों को राहत की अत्यधिक आवश्यकता महसूस हो रही है। सरकार ने यह भी बताया कि पेंशन संशोधन और पेंशन से संबंधित अन्य विषयों को आयोग के कार्यक्षेत्र में सम्मिलित किया गया है और आयोग इस पर विस्तृत सिफारिशें देगा।
इस संदर्भ में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने कहा कि सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग की अधिसूचना जारी किया जाना स्वागतयोग्य कदम है, किंतु पेंशनर्स और कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित माँगों को ध्यान में रखते हुए आयोग को समयबद्ध, वैज्ञानिक और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत कार्य करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशें केवल वेतन तक सीमित न रहकर पेंशनर्स के हितों, बढ़ती चिकित्सा लागत, सामाजिक सुरक्षा और वृद्धावस्था सम्मान को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
उहोंने आगे ने यह भी कहा कि पेंशनर्स समुदाय सरकार से अपेक्षा करता है कि पेंशन संशोधन को हर वेतन आयोग के साथ स्वतः लागू किया जाए,
महँगाई राहत का समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया जाए,
वृद्धावस्था पेंशनर्स के लिए अतिरिक्त महंगाई राहत (डीआर) भत्तों की व्यवस्था की जाए,
स्वास्थ्य सुविधाओं को राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर सुदृढ़ बनाया जाए केन्द्र और राज्य स्तरीय स्वास्थ्य योजनाओं में पेंशनर्स को बिना भेदभाव के लाभ मिले
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आठवाँ वेतन आयोग इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करेगा और केंद्र सरकार कर्मचारियों तथा पेंशनर्स के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यवहारिक फैसले लेगी।
प्रेस विज्ञप्ति के अंत में नामदेव ने कहा कि भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ लगातार पेंशनर्स के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में सरकार एवं संबंधित विभागों के समक्ष सशक्त रूप से मुद्दे उठाता रहेगा।

