छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले से एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जिले के करपावंड थाना क्षेत्र में एक निर्दयी मां ने अपने ही नवजात बेटे को जंगल में फेंक दिया। हालांकि, नवजात बच्चा सुरक्षित मिल गया। फिलहाल उसका मेडिकल कॉलेज अस्पताल डिमरापाल में इलाज जारी है और डॉक्टरों के अनुसार उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, यह हृदय विदारक घटना जिला मुख्यालय जगदलपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित करपावंड थाना क्षेत्र के ग्राम पाथरी (पार्वतीपुर) की है। अज्ञात महिला ने सामाजिक डर, मजबूरी या अन्य कारणों से नवजात लड़के को जंगल में लावारिस हालत में फेंक दिया।
घटना का खुलासा उस समय हुआ जब सुबह के वक्त गांव का एक बालक जंगल की ओर लकड़ी बीनने गया था। इसी दौरान उसे झाड़ियों के बीच से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो वह घबरा गया, लेकिन हिम्मत जुटाकर जब पास गया तो देखा कि एक नवजात बच्चा कपड़े में लिपटा हुआ पड़ा है।
घटना की गंभीरता को समझते हुए बालक तुरंत गांव लौटा और परिजनों को पूरी बात बताई। इसके बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। स्वजन और कई ग्रामीण जंगल की ओर पहुंचे और झाड़ियों से नवजात को बाहर निकाला। सौभाग्य से बच्चे को कोई जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचा था। ग्रामीणों ने बिना देरी किए मामले की सूचना करपावंड थाना पुलिस को दी।

