खुशियों और प्रकाश का पर्व दीपावली अब विश्व स्तर पर भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। यूनेस्को की इंटरगवर्नमेंटल कमेटी ने नई दिल्ली स्थित लाल किला परिसर में चल रही बैठक के दौरान ‘दीपावली, द फेस्टिवल ऑफ लाइट्स’ को प्रतिनिधि सूची में शामिल करने का निर्णय लिया, जिससे यह भारत की 16वीं अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर बन गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और दुनियाभर में लोग इस खबर से उत्साहित हैं. हमारे लिए दीपावली हमारी सभ्यता की आत्मा है. यह प्रकाश और धर्म का प्रतीक है ,UNESCO की इस सूची में दीपावली के शामिल होने से यह त्योहार विश्व स्तर पर और अधिक लोकप्रिय होगा.” उन्होंने साथ ही कहा कि प्रभु श्री राम के आदर्श हमें सदैव मार्गदर्शन देते रहें.
उपराष्ट्रपति ने अपने एक आधिकारिक संदेश में कहा कि दीपावली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक सभ्यतागत उत्सव है। यह एक ऐसा सभ्यतागत उत्सव है, जो पूरे देश को एक सूत्र में बांधता है। दीपावली पर्व की गूंज विश्व स्तर पर सुनाई देती है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह पर्व भारत की बहुसांस्कृतिक परंपराओं, बहुलतावाद और सामाजिक एकता का जीवंत प्रतीक है।
उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसके सार्वकालिक मानवीय संदेश का वैश्विक स्तर पर उत्सव है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह मान्यता आने वाली पीढ़ियों को भारतीय परंपराओं को समझने और संरक्षित करने के लिए प्रेरित करेगी।


