Friday, December 12

राजनांदगांव। सुपोषण जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने क्षेत्रीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन की सहायता से मानपुर ब्लाक के कोंदाबोड़ी सेक्टर क्षेत्र में सुपोषण के फायदे बताए। ग्राम पंचायत कहगांव के आंगनबाड़ी केंद्र तेलीटोला में शिशुवती माताओं को पूरक आहार बनाने व खिलाने की समझाईश देने के साथ ही संक्रमण से बचाव हेतु साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों और क्षेत्रीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन ने लाभार्थियों को सुपोषण के विभिन्न तरीकों की जानकारी दी। वहीं तेलीटोला गांव के एक परिवार में दो जुड़वां बच्चों के गंभीर कुपोषित होने की जानकारी मिलने पर भेंटवार्ता कर बच्चों के सुपोषण के लिए विभिन्न उपाय बताए गए। कुपोषित बच्चों के परिजनों ने महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम को बताया कि, जन्म के समय से ही बच्चों का वजन औसतन सामान्य से कम है। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेखा क्षीरसागर व मितानिन जयंती साहू ने उन्हें बताया, पोषक तत्वों की कमी से भी बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता है और ऐसे में बच्चे को सिर्फ सामान्य खाना खिलाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे के आहार में पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में शामिल हों। कुपोषण के लक्षण दिखने पर सबसे पहले बच्चे को संतुलित व पोषक तत्वों से भरपूर आहार देना चाहिए। बच्चे को एक ही बार में सारा खाना न खिलाएं बल्कि खाने के बीच नियमित अंतराल रखें। बच्चे को कुपोषण से दूर रखने के लिए उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। प्रतिदिन उसे कम से कम 1.5 लीटर पानी जरूर पिलाएं। इसके साथ ही मां का दूध बच्चे के लिए सबसे पौष्टिक आहार होता है। यह बच्चे को हर तरह की बीमारी से दूर रखता है। ऐसे में जरूरी है कि मां अपने बच्चे को रोजाना पर्याप्त मात्रा में स्तनपान कराए। मां द्वारा शिशु को कम से कम 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए, क्योंकि इससे शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा स्वास्थ्य और पोषण अच्छा रहता है। वहीं माता को स्वयं भी मौसमी फलों, हरी सब्जियों और रेडी-टू-ईट का उपयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए। इसी तरह बच्चा अगर सख्त चीजें खाने लगा है तो उसे नियमित रूप से फल और सब्जियों का सेवन कराएं। कुपोषित बच्चों के माता-पिता को यह भी बताया गया कि, बच्चे के आहार में वे आलू और स्टार्च भी शामिल करा सकते हैं। बच्चे को मांस, मछली, अंडा व बीन्स खाने को दें। ये सभी चीजें पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। यह सब खिलाकर बच्चे को कुपोषण से बचाया जा सकता है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया, सुपोषण के लिए किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों के तहत मानपुर ब्लाक के कोंदाबोड़ी सेक्टर क्षेत्र में शिशुवती माताओं व गर्भवती महिलाओं को सुपोषण का महत्व बताया गया। उन्हें पोषक आहार तथा इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा, कुपोषण को मिटाने के उद्देश्य से जिले में विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन की भी सराहनीय भूमिका है।

Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Exit mobile version